ये मुर्गा नहीं है साधारण, एक विशेष पूजा के बाद मुर्गा अपने मालिक की विपत्ति अपने सर लेकर, करता है उनकी रक्षा
फरसगांव ब्लॉक के चनियागांव निवासी अभय वर्मा से फोन पर संपर्क करने पर बताया कि गांव के ही नवल राम नाग ने मेरे घर में आ कर बताया कि मेरा बेटा जितेंद्र कुमार नाग अपने दोस्तों के साथ काम करने अन्य राज्य गया हुआ था जो कि लगभग 4 से 5 माह हो गया हैं वापस नही आया है। कुछ दिन पूर्व जितेंद्र का काल आया और बताया कि राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ शहर के एक फैक्ट्री में हमे बंधवा मजदूर बना कर रखे हुए है। हम लोगो को कहीं बाहर जाने नही दिया जा रहा है ना किसी से बात करने दे रहे हैं। कोण्डागांव जिला के अलग अलग गांव से 17 लोग यहां बंधक बना कर रखा गया है। हम लोगो को किसी भी तरह से छुड़वा लो । इसी बात को सुनकर मैं और जितेंद्र के पिता नवलराम के साथ चित्तौडग़ढ़ के लिए 19 जुलाई को निकल गए। 20 जुलाई को भुवनेश्वर होते हुए उड़ीसा, कोलकाता से राजस्थान के कोटा शहर पहुंचे। चित्तौडग़ढ़ शहर पहुंचने उपरांत संभुपुरम फैक्ट्री गए जहाँ पर वे बंधक बनाए थे लेकिन वहा के कर्मचारी हमे फैक्ट्री के अंदर घुसने नही दिया लेकिन हम जबरन अंदर घुसे तो कोण्डागांव जिला के एक दो लोगो को देखा और हम तुरंत बाहर निकल गए। जिसके बाद कोण्डागांव कलक्टर निलकंठ टेकाम को पूरी जानकारी बताया गया।चाईल्ड लाईन से मिली मदद
चाईल्ड लाईन नम्बर 1098 में कॉल करने उपरांत चित्तौडग़ढ़ के डायरेक्टर भोजराज सिंह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सुनील कुमार ओझा बाल कल्याण अधिकारी धनराज अपने पूरी टीम के साथ फैक्टरी पहुंचे और छत्तीसगढ़ का 17 और उड़ीसा राज्य के 9 बंधुआ मजदूरों को रेस्क्यू कर छुड़ाया गया और शंभूपुरा थाना लाया गया जहां पर पूरी कागजी कार्रवाई कर वापस सभी अपने अपने घर के लिए भेजा गया।