ज्योतिष की मानें तो नौतपा के 9 दिन मानसून का गर्भकाल माना जाता है। सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में आ जाता है। ज्योतिष शास्त्र में नौतपा के दौरान बारिश का होना अशुभ माना जाता है। क्योंकि अगर गर्भकाल में ही बारिश हो गई तो मानसून कमजोर हो जाता है।
नौतपा को मौसम विज्ञान ने हमेशा ही नकारा है। मौसम वैज्ञानिक पीएल देवांगन ने बताया कि इन दिनों सूर्य धरती के नजदीक होता है और उसकी किरणें सीधे 90 डिग्री के अंश में धरती पर पहुंचती है। सूर्य 21 जून के करीब अक्षांश रेखा में जब 23 डिग्री कोण तक पहुंचेगा तब धूप की चुभन कम होगी। इसी बीच प्री मानसून भी दस्तक देगा। जिसकी वजह से 10 जून के बाद पारा वैसे भी कम हो जाएगा।
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