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जगदलपुर

मेडिकल कॉलेज का वायरोलॉजी लैब चल रहा टेक्रीशियनों के भरोसे, तीन साइंटिस्ट है पदस्थ, कोई कर रहा सैंपलिक तो कोई बाबूगीरी, और….

मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी में पदस्थ है तीन सांइटिस्ट, कोई डाटा तो कोई कर रहा सैंपलिंग
 

जगदलपुरMay 10, 2020 / 04:10 pm

Badal Dewangan

मेडिकल कॉलेज का वायरोलॉजी लैब चल रहा टेक्रीशियनों के भरोसे, तीन साइंटिस्ट है पदस्थ, कोई कर रहा सैंपलिक तो कोई बाबूगीरी, और....

मेडिकल कॉलेज का वायरोलॉजी लैब चल रहा टेक्रीशियनों के भरोसे, तीन साइंटिस्ट है पदस्थ, कोई कर रहा सैंपलिक तो कोई बाबूगीरी, और….

जगदलपुर. कोरोना महामारी के दौर में भी मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब सिर्फ टेक्नीशियन के भरोसे चल रहा है। यहां पर कोरोना संदिग्धों का सैंपल लेने से लेकर जांच करने तक का काम टेक्नीशियनों से कराया जा रहा है। वहीं लैब में पदस्थ साइंटिस्ट बाबूगीरी कर रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में तीन सांइटिस्ट और दो टेक्नीशियन पदस्थ है। इसमें कोई सांइटिस्ट डाटा मैनेजमेंट कर रहा है तो कोई कोरोना जांच के लिए टेक्नीशियनों को निर्देश दे रहा है। सांइटिस्ट अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए टेक्नीशियनों को आगे कर दिए है। गौरतलब है कि वायरोलॉजी लैब में पॉलीमर चैन रिएक्शन तरह की जांच सिर्फ सांइटिस्ट को ही करना है। रायपुर एम्स के वायरोलॉजी लैब में कोरोना संदिग्धों का सैंपल जेआर ले रहे हैं, जबकि यहां पर टेक्नीशियन ही सैंपल ले रहे हैं। सैंपल लेने के लिए टेक्नीशियनों को सिर्फ एक दिन की ट्रेनिंग दी गई है। इस तरह से वायरोलॉजी लैब में लापरवाही बरती जा रही हैए जिसकी मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं है।

अब तक हुए 3300 से अधिक सैंपल की हो चुकी है जांच
मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में अब तक करीब 3300 से अधिक सैंपल की जांच हो चुकी है। जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं प्रतिदिन करीब 120 सैंपल की जांच की जा रही है। वायरोलॉजी लैब के सांइटिस्टों की लापरवाही के कारण कहीं जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी न हो जाए। यदि ऐसा हुआ तो कोरोना के रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा अब तक किया गया प्रयास पर पानी फेर जाएगा, जो जांच लैब के वैज्ञानिकों को करना चाहिए उसे टेक्नीशियन कर रहे हैं।

इस प्रकार होता है वायरोलॉजी लैब का संचालन
वायरोलॉजी लैब की मॉनिटरिंग इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च करता है। यहां पर स्टाफ की भर्ती से लेकर लैब की रखरखाव तक की मॉनिटरिंग आईसीएमआर ही करता है। साथ ही लैब में पदस्थ सांइटिस्ट और टेक्नीशियनों के वेतन का भुगतान भी आईसीएमआर ही करता है। वायरोलॉजी लैब में स्वाइन फ्लू, डेंगू, इंपफ्लूएंजा, बर्ड फ्लू, इबोला, रैबीज वायरस, रोटा वायरस, चिकनगुनिया और हेपेटाइटिस जैसे वायरल बीमारियों की जांच की जाती है।

कोरोना सैंपल कर रहे रिजेक्ट
वायरोलॉजी लैब में कोरोना संक्रमण के सैंपल को बिना जांच के ही रिजेक्ट कर दिया जा रहा है। दरअसल लैब में तीन साल से पदस्थ साइंटिस्ट ये कहकर सैंपल रिजेक्ट कर दे रही है कि इसकी पैकिंग ठिक से नहीं किया गया है। इतना ही नहीं यदि किसी संदिग्ध व्यक्ति की ट्रेवल हिस्ट्री नहीं हैए तो उसका भी सैंपल रिजेक्टर कर रहे हैं। इस प्रकार की लापरवाही का खामियाजा पूरे बस्तर के लोगों को भुगतना पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कर्मचारी और टेक्नीशियन डोर टू डोर सर्वे कर लक्षण के आधार पर संदिग्ध व्यक्ति का सैंपल ले रहे हैंए जिसे लैब में रिजेक्ट कर दिया जा रहा है।

दिक्कत नहीं है
सैंपल टेक्निशियन भी ले सकते हैं और जेआर भी इसमें कोई दिक्कत नहीं है। साइंटिस्ट भी जांच में लगे हुए हैं। दिक्कत होने पर साइंटिस्ट मदद करते हंैं।

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