पूर्व जमीन को बताया अनुपयुक्त कलेक्टर कार्यालय द्वारा एसडीएम को फूड पार्क के लिए नवीन जमीन आबंटित करने हेतु पत्र लिखा गया, जिसमें उल्लेखित है कि महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा फूडपार्क हेतु आबंटित 10 हेक्टेयर भूमि को तकनीकी संभाग- 3 के अभियंता द्वारा 675 घने वृक्ष एवं ग्राउण्ड लेवल में लगभग 20 मीटर का अंतर होना प्रतिवेदित कर अनुपयुक्त बताया गया, अब इस हेतु अन्य स्थान पर रकबा न्यूनतम 10 हेक्टेयर उपयुक्त भूमि आबंटित की जाये.
इन उद्योगों का होना है संचालन प्रस्तावित औद्योगिक फुड्पार्क में अरवां राइस मिल, उसना राइस मिल, कोल्ड स्टोरेज, मुरमुरा मिल, पोहा मिल, मसाला निर्माण, नमकीन निर्माण, फास्ट फुड, इमली प्रोसेसिंग एवं पल्स निर्माण, इमली स्टार्च पाउडर, तिखुर प्रोसेसिंग, लघु धान्य उत्पाद की प्रोसेसिंग, अचार निर्माण, चिप्स एवं पापड़ निर्माण, आयल मिल कोदो एवं रागी प्रोसेसिंग यूनिट, अमचूर निर्माण, डेयरी प्रोडक्ट, बेकरी प्रोडक्ट आदि लगभग 15 सुक्ष्म, लघु उद्योगों की स्थापना की जानी थी. फूड पार्क से लागत 200 करोड़ पूंजी निवेश एवं 500 लोगों को सीधे रोजगार मिल सकेगा।
“जनता को धोखा दें रही राज्य सरकार” राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के हर जिले में फूड पार्क होने का दावा कर रहे हैं, और नारायणपुर जिले में शासन को फूड पार्क के लिए जमीन ही नहीं मिल रही है. विकास के नाम पर ढोले पीटने वाली छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार सिर्फ जनता को धोखा देने एवं झूठ बोलने के अलावा कुछ नहीं कर रही
केदार कश्यप, पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता