scriptफूडपार्क के लिए प्रशासन को नहीं मिल रही जमीन | Administration is not getting land for food park | Patrika News
जगदलपुर

फूडपार्क के लिए प्रशासन को नहीं मिल रही जमीन

पूर्व में आबंटित जमीन से मोह हुआ भंग
औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु फूडपार्क मील का पत्थर हो सकता है साबित

जगदलपुरMay 27, 2022 / 08:00 pm

Kunj Bihari

औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु फूडपार्क मील का पत्थर हो सकता है साबित

औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु फूडपार्क मील का पत्थर हो सकता है साबित

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना प्रत्येक विकासखण्ड में फुडपार्क की स्थापना नारायणपुर में धराशाई होते नजर आ रही है। इस फोड़पार्क की स्थापना के लिए पूर्व में आबंटित जमीन से विभाग का मोंह भंग हो गया है। इससे विभाग ने नए सिरे से प्रक्रिया शुरू कर 10 एकड़ जमीनी की मांग की है। इतने लंबे अरसे बाद भी जिला प्रशासन द्वारा फूडपार्क की स्थापना के लिए जमीनी का चयन नही करना बेरोजगारों के साथ छलावा करते नजर आने लगा है। इसके बावजूद इस पर किसी का ध्यान नहीं जाना समझ से परे जान पड़ता है। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करने के उद्देश्य से राज्य के प्रत्येक विकासखण्ड में फूडपार्क स्थापना करने के घोषणा की है। इससे राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना फूडपार्क की स्थापना के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे। इन निर्देशों का पालन करते हुए जिला मुख्यालय नारायणपुर से चार किमी दूर ग्राम कनेरा पटवारी हल्का नंबर 5 भूमि का खसरा नंबर 86 में जमीन का चयन कर लिया गया था। इससे जमीन आबंटन की प्रक्रिया काफी दिनों से प्रक्रिया के तहत पूर्व कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू द्वारा महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उघोग केन्द्र को 25 मार्च 2021 को 25 एकड़ शासकीय भूमि का अग्रिम अधिपत्य सौपते हुए त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए थे। इससे उद्योग विभाग द्वारा राज्य उद्योग कार्यालय से संपर्क कर औद्योगिक विकास हेतु प्रक्रिया प्रारंभ कर दी थी। लेकिन आज पर्यंत तक फूड पार्क की स्थापना नहीं हो पाई है। नारायणपुर जिला आज भी औद्योगिक मामले में काफी पिछड़ा हुआ है, जिले के बेरोजगार युवा आज भी रोजगार पाने के लिए दीगर जिलों एव राज्य की ओर पलायन करते है। इससे नारायणपुर सहित अबुझमाड़ जैसे पिछड़े क्षेत्र के लिए फूडपार्क की स्थापना मिल का पत्थर साबित होगा।
पूर्व जमीन को बताया अनुपयुक्त

कलेक्टर कार्यालय द्वारा एसडीएम को फूड पार्क के लिए नवीन जमीन आबंटित करने हेतु पत्र लिखा गया, जिसमें उल्लेखित है कि महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा फूडपार्क हेतु आबंटित 10 हेक्टेयर भूमि को तकनीकी संभाग- 3 के अभियंता द्वारा 675 घने वृक्ष एवं ग्राउण्ड लेवल में लगभग 20 मीटर का अंतर होना प्रतिवेदित कर अनुपयुक्त बताया गया, अब इस हेतु अन्य स्थान पर रकबा न्यूनतम 10 हेक्टेयर उपयुक्त भूमि आबंटित की जाये.
इन उद्योगों का होना है संचालन

प्रस्तावित औद्योगिक फुड्पार्क में अरवां राइस मिल, उसना राइस मिल, कोल्ड स्टोरेज, मुरमुरा मिल, पोहा मिल, मसाला निर्माण, नमकीन निर्माण, फास्ट फुड, इमली प्रोसेसिंग एवं पल्स निर्माण, इमली स्टार्च पाउडर, तिखुर प्रोसेसिंग, लघु धान्य उत्पाद की प्रोसेसिंग, अचार निर्माण, चिप्स एवं पापड़ निर्माण, आयल मिल कोदो एवं रागी प्रोसेसिंग यूनिट, अमचूर निर्माण, डेयरी प्रोडक्ट, बेकरी प्रोडक्ट आदि लगभग 15 सुक्ष्म, लघु उद्योगों की स्थापना की जानी थी. फूड पार्क से लागत 200 करोड़ पूंजी निवेश एवं 500 लोगों को सीधे रोजगार मिल सकेगा।
“जनता को धोखा दें रही राज्य सरकार”

राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के हर जिले में फूड पार्क होने का दावा कर रहे हैं, और नारायणपुर जिले में शासन को फूड पार्क के लिए जमीन ही नहीं मिल रही है. विकास के नाम पर ढोले पीटने वाली छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार सिर्फ जनता को धोखा देने एवं झूठ बोलने के अलावा कुछ नहीं कर रही
केदार कश्यप, पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता

Home / Jagdalpur / फूडपार्क के लिए प्रशासन को नहीं मिल रही जमीन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो