जगदलपुर

दंतेवाड़ा उपचुनाव में कहीं ये चीज प्रत्याशियों के लिए न बज जाए हार का सबब

दंतेवाड़ा उपचुनाव (Dantewada Assembly Bypoll) में पूरे प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है।

जगदलपुरSep 25, 2019 / 10:56 am

Badal Dewangan

दंतेवाड़ा उपचुनाव में कहीं ये चीज प्रत्याशियों के लिए न बज जाए हार का सबब

शेख तैय्यब ताहिर/जगदलपुर. दंतेवाड़ा उपचुनाव (Dantewada Assembly Bypoll) पार्टी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधे मुकाबले वाली इस सीट में दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। लेकिन इन दावे के बीच वे नोटा का डर छिपाने की भी कोशिश कर रहे हैं। दरअसल पिछले चार चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच जीत को जो अनुपात रहा है वह नोटा को मिले कुल मत से कम का है। प्रत्याशी व पार्टी लाख कह लें लेकिन यह शंका उन्हें मन ही मन खाई जा रही है कि कहीं नोटा उनके लिए हार का सबब न बन जाए।

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गौरतलब है कि वर्ष 2013 से नोटा प्रयोग में लाया गया। एेसा माना गया कि जागरूक वर्ग इसका प्रयोग करेगा। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा मत बस्तर के पिछले इलाकों में देखने का मिला। बस्तर में चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जैसे पिछड़े इलाकों में सबसे अधिक नोटा में मत पड़े। लोकसभा में तो नोटा बटन दबाने वालों में बस्तर का नंबर 5वां था। वर्ष 2008 से इस सीट में जीत-हार का अंतर 7 हजार से कम का रहा है। लेकिन हर बार नोटा में 9 हजार से अधिक मत गिरें हैं। इस बार भी जिस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, उसके मुताबिक हार-जीत का फासला 5 हजार से कम का माना जा रहा है। एेसे में वे नोटा को लेकर पार्टी प्रत्याशी घबराए हुए हैं। वहीं देखने वाली बात होगी की नोटा मत को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रत्याशी कितने सफल होते हैं।

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दंतेवाड़ा हर बार चौथे नंबर पर रहा है नोटा
दंतेवाड़ा में हर बार नोटा चौथे नंबर पर रहा है। यह स्थिति तब है जब दंतेवाड़ा को कम्यूनिस्ट का कभी गढ़ माना जाता था। और अभी भी सबसे ज्यादा प्रभाव वाला इलाका माना जाता है। दंतेवाड़ा में हर बार या तो कांगे्रस या तो भाजपा की जीत हुई है। तीसरे नंबर पर हर बार सीपीआई ही रही है। वहीं चौथे नंबर पर हर बार ९ हजार से अधिक वोटों के साथ नोटा चौथे नंबर पर रहा है। इसलिए जिस भी प्रत्याशी ने नोटा में पडऩे वाले वोट को अपनी तरफ तब्दील कर लिया, जीत उसकी करीब-करीब तय है।
विधानसभा
वर्ष कांग्रेस मत भाजपा मत नोटा मत जीत का अंतर
2013 41417 35430 9677 5987
2018 35818 37990 9929 2170
लोकसभा 2019
12 सीटों में चित्रकोट के बाद दूसरे नंबर पर 8345 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था

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