जगदलपुर

पेड़ काटे एनएच पर दीवार खड़ी कर दी, लेकिन वो काम नहीं किया जिससे बस्तर वासियों का सपना पूरा हो सके

जगदलपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा और लैंडिंग सुविधा से नाखुश कंपनियां पहले ही संचालन से कर चुकी हैं किनारा

जगदलपुरSep 17, 2019 / 10:47 am

Badal Dewangan

पेड़ काटे एनएच पर दीवार खड़ी कर दी, लेकिन वो काम नहीं किया जिससे बस्तर वासियों का सपना पूरा हो सके

जगदलपुर. शहर के एयरपोर्ट को डीजीसीए के मानकों के अनुरूप बनाने के लिए युद्धस्तर पर कवायद की जा रही है। एयरपोर्ट के सौ मीटर के दायरे में आने वाले सैकड़ों पेड़ काट दिए गए, एनएच पर दीवार खड़ी कर दी गई लेकिन सबसे अहम जरूरतों को पूरा करने एयरपोर्ट प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। पत्रिका ने 2 जून के अंक में बताया था कि जगदलपुर एयरपोर्ट के पास फ्लाइट की लैंडिंग और टेकऑफ के लिए विजिबिलटी मशीन का अभाव है। साथ ही जगदलपुर एयरपोर्ट में मानकों के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं है। इस बीच चर्चा है कि 20 सितंबर को डीजीसीए की टीम उड़ान 3 के दूसरे फेस के तहत जगदलपुर से फ्लाइट शुरू करवाने एयरपोर्ट का निरीक्षण करने पहुंच रही है लेकिन जिन सुविधाओं की एयरपोर्ट में पिछली बार कमी थी वो अब भी बनी हुई है।

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विजुअल लाइट रूल्स तकनीक मशीन का आधुनिकीकरण नहीं हुआ
जगदलपुर में लैंडिंग और टेकऑफ के लिए आधुनिक मशीन नहीं है। यहां फ्विमान की लैंडिंग और टेकऑफ के लिए विजुअल फ्लाइट रूल्स तकनीक की मशीन लगाई गई है। रनवे परिक्षेत्र में लगाई गई इस मशीन के जरिए 5000 मीटर तक विजिबिलिटी में लैंडिंग की अनुमति मिलती है। खराब मौसम धुंध या बारिश की वजह से विजिबिलिटी कमजोर होने की वजह से फ्लाइट की लैंडिंग नहीं की जा सकती है।

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रायपुर और यहां में ये है मुख्य अंतर
इससे पहले रायपुर से जगदलपुर उड़ान भरने वाली कंपनी एयर ओडिशा ने यह समस्या एयरपोर्ट अथॉरिटी के सामने रखी थी लेकिन उपकरण का आधुनिकीकरण नहीं किया गया। रायपुर के माना एयरपोर्ट में लगे वैरी हाई डॉप्लर ओमनी डायरेक्शन मशीन में 1200 मीटर से कम विजिबिलिटी में भी लैंडिंग की जा सकती है।

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