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बस्तर

मांगलिक कार्य से पूर्व जरुर पढ़ें यह खास खबर, जानें आपके लिए क्या करना होगा फायदेमंद…

16 दिसंबर से खरमास शुरू, अब दो माह नहीं होंगे मांगलिक कार्य, थम गई शहनाइयों की गूंज, देवी-देवताओं का पूजन एवं दान करना उत्तम, शुक्र भी रहेगा अस्त।

बस्तरDec 18, 2017 / 06:49 pm

ajay shrivastav

अगर आप भी सोच रहे है मांगलिक कार्य के लिए तो जरुर पढ़ें यह खबर, कहीं भारी न पड़ जाए

अगर आप भी सोच रहे है मांगलिक कार्य के लिए तो जरुर पढ़ें यह खबर, कहीं भारी न पड़ जाए

अगर आप भी सोच रहे है मांगलिक कार्य के लिए तो जरुर पढ़ें यह खबर, कहीं भारी न पड़ जाए

जगदलपुर . पिछले साल की तुलना में वर्ष 2018 में विवाह के काफी कम मुहूर्त हैं, कई महीने तो एेसे हैं, जिसमें एक भी विवाह मुहूर्त नहीं हैं। खरमास के साथ शहनाइयों की गूंज थम गई। अब विवाह के मुहूर्त 2018 के फरवरी माह में ही मिलेंगे। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक पौष माह में विवाह करना निषिद्ध माना गया है। सूर्य देव का धनु राशि में प्रवेश हो रहा है। 16 दिसंबर दिन शनिवार से अनुराधा नक्षत्र से खरमास की शुरुआत हो चुकी है। इसके बाद जनवरी में शुक्र अस्त होने से विवाह नहीं होंगे।
मकर संक्रांति के दिन होगा खरमास समाप्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. नवनीत व्यास ने बताया कि खरमास की शुरुआत सूर्य देव, वृहस्पति के धनु राशि में प्रवेश से होगी। जो मकर संक्रांति को दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के बाद खरमास खत्म होगा। लेकिन इस बार जनवरी माह में शुक्रास्त होने के कारण विवाह के मुहूर्त नहीं है। इस तरह से दो माह तक विवाह का सिलसिला थम जाएगा।
आराधना और दान के लिए उत्तम समय
इस तरह दो माह विवाह के कार्यक्रम पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। खरमास पर ईश्वर की आराधना, पूजन व दान पुण्य का कार्य करना उत्तम माना गया है। खरमास की तिथि को पूजा-अर्चना व दान की दृष्टि से खास माना जाता है। इसलिए इस दौरान पूजा-अर्चना के साथ ही कथा श्रवण, दान पुण्य की विधि पूरी करनी चाहिए। साथ ही साथ तीर्थाटन के लिए भी यह माह महत्वपूर्ण होता है। इसलिए लोगों को इस समय तीर्थाटन करना चाहिए।
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जनवरी में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से जनवरी से दिसंबर तक एक साल में शादियों के योग कुल 45 दिन रहेंगे। साल के पहले माह जनवरी में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा, शुक्र अस्त होने से जनवरी में मुहूर्त नहीं होंगे, जबकि नवंबर माह में भी गुरु अस्त रहने के कारण विवाह के योग नहीं बनेंगे।
पुरुषोत्तम मास के कारण मई में मुहूर्त कम
वर्ष 2018 में अधिकमास रहेगा। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है और यह मलमास की श्रेणी में आता है। इस माह में मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। इस बार अधिकमास ज्येष्ठ मास में पड़ रहा हैं और ज्येष्ठ माह में शादी के अच्छे मुहूर्त होते हैं, इसलिए मई और जून में विवाह के योग कम बन रहे हैं। अधिकमास 16 मई से शुरू होगा, जो 13 जून तक रहेगा, इसलिए इन दोनों माह में मुहूर्त कम है।
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ये 4 कारण, 4 बार लगेगा शादियों पर विराम
पूरे साल में चार बार विवाह मुहूर्तों पर विराम लगेंगे। ज्योतिष मठ के पं. विनोद गौतम ने बताया, जनवरी में शुक्र अस्त रहने से विवाह कार्य नहीं हो सकेंगे। 15 मार्च से 16 अप्रैल के बीच खरमास अर्थात सूर्य मीन राशि में रहेगा, मीन की संक्रांति में विवाह वर्जित माने गए हैं, इस बीच विवाह नहीं होंगे। 16 मई से 13 जून तक अधिकमास रहेगा, इस दौरान भी विवाह कार्य नहीं होंगे, नवम्बर में देवउठनी एकादशी के साथ विवाह कार्य प्रारंभ हो जाते हैं, लेकिन अगले साल नवम्बर माह में गुरु अस्त रहेगा, इसलिए नवम्बर माह में भी एक भी दिन विवाह के योग नहीं बनेंगे।
वर्ष 2018 में किस माह कितनी शादियां
जनवरी- शुक्र अस्त होने के कारण एक भी विवाह मुहूर्त नहीं
फरवरी- 3, 4, 6, 7, 18
मार्च – 3, 5, 7, 8, 12
अप्रैल- 18, 19, 20, 24, 25, 27, 29
मई- 1, 3, 5, 6, 9, 11, 12
जून- 17 से 22, 25, 27, 29
जुलाई- 2, 3, 5, 6, 10, 11, 15
दिसंबर- 10, 11, 13, 14, 15

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