जिले में आज भी सिंचाई के संसाधन की कमी है। 30 प्रतिशत ही सिंचाई लघु व मध्यम सिंचाई के भरोसे होता है। जबकि बाकी 70 प्रतिशत किसान खुद के बोर व बारिश पर निर्भर रहते हैं। इस वर्ष धान बिक्री के लिए उपार्जन केन्द्र नहीं पहुंचने किसानों की फसल सिंचाई संसाधन नहीं होने के कारण ही मार खा गई। उत्पादन हुआ जो बिक्री के लिए नहीं बल्कि घर पर रखे गए।
कृषि विभाग के मुताबिक हर साल अनुमानित फसल क्षेत्राच्छादन का आंकलन लगाया जाता है। वर्ष 2018 खरीफ वर्ष के लिए कृषि विभाग ने धान का रकबा 272211 हेक्टेयर अनुमानित लक्ष्य था, लेकिन किसानों ने 207717 हेक्टेयर में धान लगाए और अनुमान से अधिक उत्पादन किए। जबकि 64494 हेक्टेयर रकबा में धान का विक्रय शेष रह गया है। बावजूद संभाग में लक्ष्य से 1 लाख क्विंटल धान खरीदी इस वर्ष हुई है।