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जगदलपुर

बस्तर: सरकार के फैसले के बाद रिकार्ड धान खरीदी, लेकिन 32 हजार किसान नहीं बेच पाए धान

संभाग के जबकि 32914 से अधिक किसान उपार्जन केन्द्र ही नहीं पहुंच सके।

जगदलपुरFeb 04, 2019 / 03:49 pm

चंदू निर्मलकर

Chhattisgarh farmers

बस्तर: सरकार के फैसले के बाद रिकार्ड धान खरीदी, लेकिन 32 हजार किसान नहीं बेच पाए धान

जगदलपुर. बेहतर दाम मिलने के बाद भी पंजीकृत किसान शत प्रतिशत धान बिक्री नहीं कर सके। वैसे इस बार अब तक का सबसे अधिक धान खरीदी हुई है, संभाग के जबकि 32914 से अधिक किसान उपार्जन केन्द्र ही नहीं पहुंच सके।
शासन ने तीन माह धान खरीदी का समय निर्धारित था। इस दौरान संभाग भर के 1,50,132 किसानों ने धान बेचने पंजीयन कराया था। इसमें से 1,17,218 किसानों ने ही 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान बेचा है। जबकि शेष किसान धान नहीं बेचने पहुंचे। इसकी वजह कोचिया है या जागरूकता के अभाव है, जो किसानों ने उपार्जन केन्द्रों में धान बेचने जहमत नहीं उठाई। इसकी कारण जिला प्रशासन को लगाना होगा। यह विगत वर्ष आंकड़ों से अधिक है। ज्ञात हो कि समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए शासन-प्रशासन पूर्व से ही किसानों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक करने का प्रयास करती है।
सिंचाई के साधन नहीं
जिले में आज भी सिंचाई के संसाधन की कमी है। 30 प्रतिशत ही सिंचाई लघु व मध्यम सिंचाई के भरोसे होता है। जबकि बाकी 70 प्रतिशत किसान खुद के बोर व बारिश पर निर्भर रहते हैं। इस वर्ष धान बिक्री के लिए उपार्जन केन्द्र नहीं पहुंचने किसानों की फसल सिंचाई संसाधन नहीं होने के कारण ही मार खा गई। उत्पादन हुआ जो बिक्री के लिए नहीं बल्कि घर पर रखे गए।
अनुमान से अधिक उत्पादन
कृषि विभाग के मुताबिक हर साल अनुमानित फसल क्षेत्राच्छादन का आंकलन लगाया जाता है। वर्ष 2018 खरीफ वर्ष के लिए कृषि विभाग ने धान का रकबा 272211 हेक्टेयर अनुमानित लक्ष्य था, लेकिन किसानों ने 207717 हेक्टेयर में धान लगाए और अनुमान से अधिक उत्पादन किए। जबकि 64494 हेक्टेयर रकबा में धान का विक्रय शेष रह गया है। बावजूद संभाग में लक्ष्य से 1 लाख क्विंटल धान खरीदी इस वर्ष हुई है।

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