इन बातों को जानकर रह गए हम हैरान
हालांकि हमारा उद्देश्य भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है न ही अंधविश्वास को बढ़ावा देना है। इसलिए इस बारे में सरसरी अध्ययन पत्रिका टीम ने किया तो आश्चर्यजनक बात सामने आई। नींबू- मिर्च के अलावा खाली मटके, मुखौटा, राई- सरसों की भी खरीदी भी नजर उतारने वाले इन अनुष्ठान में की जाती है। शहर के कुछ चुनींदा दुकान में घोड़े की नाल, पूराना लोहा, ब्रिटिश जमाने के सिक्कों की भी पूछपरख सामान्य बात है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस नजर उतारने के कारोबार में सभी धर्मावलंबी बराबर के हकदार हैं। विविधता में एकता का यह भी एक अनुठा उदाहरण साबित हो रहा है।