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जगदलपुर

अभी बिल तक ही सीमित है महिलाओं का 33% आरक्षण

कांग्रेस ने 18 तो भाजपा ने 15 महिलाओं को बनाया प्रत्याशी

जगदलपुरNov 05, 2023 / 12:14 pm

Atul sharma

अभी बिल तक ही सीमित है महिलाओं का 33% आरक्षण

महिलाओं का 33% आरक्षण

पुरुषों के बराबर महिलाओं को राजनीति में भागीदारी को लेकर पिछले दिनों खूब हो हल्ला हुआ। सदन के अंदर से लेकर सड़क तक इसके पक्ष और विपक्ष में जोरदार बहस हुई। इस सबके बाद भी सदन में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का बिल पास हो गया। माना जा रहा था कि बिल के पास होने के बाद दोनों दल अपना बड़ा दिल दिखाएंगे और विधानसभा चुनाव में इसी के आस-पास टिकट देकर महिलाओं को चुनावी समर में उतारेंगे। लेकिन ऐसा हो न सका। प्रदेश की 90 सीट पर दो चरण में होने वाले चुनाव में देखें तो पाएंगे कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने मिलाकर 33 महिलाओं को ही टिकट दिया है। इस बार कांग्रेस ने 18 और भारतीय जनता पार्टी ने 15 महिला उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। हालांकि चुनाव दर चुनाव महिला प्रत्याशियों की संख्या देखें तो पाएंगे कि इसमें निरंतर वृद्धि हो रही है। इस बार छत्तीसगढ़ में पिछले चार चुनावों की तुलना में 2023 में सर्वाधिक महिलाएं मैदान में हैं।
महिला विधायक हैं इस बार कांग्रेस की 13

निर्वतमान सदन की बात करें तो कांग्रेस कुछ अधिक महिला विधायकों के साथ सदन में थी। विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 14 महिला प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था, इसमें से 10 महिलाएं जीती थीं। इसके बाद समय-समय पर हुए उपचुनाव में देवती कर्मा, यशोदा वर्मा और सावित्री मांडवी जीतकर सदन में पहुंच गई थीं। इस तरह कांग्रेस की 13 महिला विधायक हैं जबकि विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने 18 महिलाओं को मैदान में उतारा है।
वोट ही डालती हैं महिलाएं
छत्तीसगढ़ में महिलाएं चुनावी समर में कूदने के बजाए दूसरों को राजा बनाने में ज्यादा विश्वास करती हैं। अभी पांच चुनावों को एक नजर में देखेंगे तो पाएंगे कि छत्तीसगढ़ में महिला मतदाताओं ने लिंगानुपात में मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना को पीछे छोड़ दिया है। यहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। छत्तीसगढ़ में 2.03 करोड़ कुल मतदाताओं में महिला मतदाताओं की संख्या 1.02 करोड़ और पुरुष मतदाताओं की संख्या 1.01 करोड़ है।
बस्तर की 12 में से दो सीटों पर ही जीतीं महिलाएं
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद बस्तर की 12 सीटों में से दस सीटों पर महिला प्रत्याशियों ने भाग्य तो आजमाया, लेकिन उन्हें अब तक सफलता हाथ नहीं लगी। बस्तर की कोंडागांव ही एक ऐसी सीट है जहां से भाजपा की लता उसेंडी दो बार विधायक चुनी गई हैं तो दंतेवाडा से देवती कर्मा को भी एक बार विधायक बनने का मौका मिला।
अभी 18 फीसदी थी सदन में भागीदारी

कुल सीटों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में वर्तमान में महिला विधायकों की भागीदारी देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक थी। छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर 16 महिला विधायकों के साथ भागीदारी 18 प्रतिशत रही। वहीं दूसरी ओर दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तराखंड और बंगाल जैसे राज्यों में यह आंकड़ा पंद्रह फीसदी को भी नहीं छू सका।
बस्तर में महिला प्रत्याशीभानुप्रतापुर – सावित्री मंडावी कांग्रेस कोंडागांव- लता उसेंडी भाजपा


भाजपा की 13 में से जीती थी एक महिला

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 14 व भाजपा ने 13 महिला उम्मीदवारों को मैदान पर उतारा था, जिसमें सामान्य निर्वाचन में कांग्रेस की 10 व भाजपा की एकमात्र महिला विधायक ने जीत हासिल की थी। दोनों ही पार्टियों ने इस बार महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाई है।
छत्तीसगढ़ में पिछले चार चुनाव में महिलाओं का प्रदर्शन
वर्ष महिला प्रत्याशी विजयी प्रत्याशी
2003 62 06
2008 94 12
2013 83 10
2018 115 16
2023 120

संभागवार दोनों दलों में महिला प्रत्याशी

कांग्रेस की 18 महिला प्रत्याशियों में बिलासपुर संभाग से पांच प्रत्याशी हैं,वहीं बस्तर संभाग से एक, दुर्ग संभाग से चार, सरगुजा संभाग से दो व रायपुर संभाग से कुल छह महिला प्रत्याशी हैं।
भाजपा के 15 महिला प्रत्याशियों में बस्तर संभाग से एक, दुर्ग संभाग से दो, सरगुजा संभाग से सात, बिलासपुर संभाग से दो व रायपुर संभाग से तीन महिला प्रत्याशी हैं। भाजपा ने सरगुजा की महत्वपूर्ण सीटों पर महिला उम्मीदवारों को मौका दिया है।

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