छत्तीसगढ़ में महिलाएं चुनावी समर में कूदने के बजाए दूसरों को राजा बनाने में ज्यादा विश्वास करती हैं। अभी पांच चुनावों को एक नजर में देखेंगे तो पाएंगे कि छत्तीसगढ़ में महिला मतदाताओं ने लिंगानुपात में मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना को पीछे छोड़ दिया है। यहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। छत्तीसगढ़ में 2.03 करोड़ कुल मतदाताओं में महिला मतदाताओं की संख्या 1.02 करोड़ और पुरुष मतदाताओं की संख्या 1.01 करोड़ है।
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद बस्तर की 12 सीटों में से दस सीटों पर महिला प्रत्याशियों ने भाग्य तो आजमाया, लेकिन उन्हें अब तक सफलता हाथ नहीं लगी। बस्तर की कोंडागांव ही एक ऐसी सीट है जहां से भाजपा की लता उसेंडी दो बार विधायक चुनी गई हैं तो दंतेवाडा से देवती कर्मा को भी एक बार विधायक बनने का मौका मिला।
भाजपा की 13 में से जीती थी एक महिला 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 14 व भाजपा ने 13 महिला उम्मीदवारों को मैदान पर उतारा था, जिसमें सामान्य निर्वाचन में कांग्रेस की 10 व भाजपा की एकमात्र महिला विधायक ने जीत हासिल की थी। दोनों ही पार्टियों ने इस बार महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाई है।
वर्ष महिला प्रत्याशी विजयी प्रत्याशी
2003 62 06
2008 94 12
2013 83 10
2018 115 16
2023 120 संभागवार दोनों दलों में महिला प्रत्याशी कांग्रेस की 18 महिला प्रत्याशियों में बिलासपुर संभाग से पांच प्रत्याशी हैं,वहीं बस्तर संभाग से एक, दुर्ग संभाग से चार, सरगुजा संभाग से दो व रायपुर संभाग से कुल छह महिला प्रत्याशी हैं।