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जगदलपुर

हमारी रक्षा करने वाले जवानों के लिए क्या आपने दिपावली के दिन किया ये जरूरी काम

दीपावली को देखते हुए डीआइजी रतन लाल डांगी ने बस्तरवासियों से मार्मिक अपील की थी।

जगदलपुरNov 09, 2018 / 09:46 am

Badal Dewangan

 दिपावली

हमारी रक्षा करने वाले जवानों के लिए क्या आपने दिपावली के दिन किया ये जरूरी काम

जगदलपुर. दीपावली को देखते हुए डीआइजी रतन लाल डांगी ने बस्तरवासियों से मार्मिक अपील की थी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के महापर्व चुनाव को शांतिप्रद तरीके से करने के लिए देशभर से जवान पहुंचे हुए थे। इसके लिए पहले कुछ जवान शहीद भी हो गए। इसलिए दीवाली के पर्व पर शहीदों के नाम पर एक दीपक जलाने की अपील डीआइजी रतनलाल डांगी ने की थी।

डीआइजी डांगी ने कहा कि यह दीवाली तब तक है जब तक लोकतंत्र व संविधान जिंदा है, लोकतंत्र व संविधान तब तक है जब तक जवान बस्तर के अंदरूनी जंगल में उन लोकतंत्र विरोधी, संविधान विरोधी ताकतों के खिलाफ मोर्चें पर डटे हुए हैं। यह जवान अपने बच्चों, पति, माता-पिता, रिश्तेदारों से दूर संविधान विरोधी ताकतो के सामने दीवार की तरह खड़े हैं। उन्होंने कहा कि वह युवा सैनिक अपनी खुशियों को अपने सीने में ही दबाकर जंगल दुर्गम इलाके में पर इसलिए तैनात हैं ताकि बस्तरवासी खुशी से यह पर्व बना सकें।
देश में अनेक विरोधी ताकतें सक्रिय हैं, जो आपके दीप की लौ को बुझाने की भरसक कोशिश कर रही हैं, क्योंकि उनको न तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास है और न ही भारतीय संविधान में जो कि हमारा प्राण है। इसलिए एक दीपक हमारे उन शहीदों के लिए भी जलाइए जिन्होंने अपना बलिदान दिया है। उनके परिवार तक उनके घर पहुंचकर उनको हौसला दिजिए कि उनके परिवार को लगे की हम सब आपके साथ हैं, उनको अपने खुषियों में शामिल करने का भी निवेदन किया है।

इसलिए लौ जलती रहे
इन लोकतंत्र विरोधी ताकतों को नेस्तनाबूद करने के लिए देश के हर कोने से हर धर्म, जाति, वर्ग का जवान रात-दिन अपने सुख चैन को छोड़कर साहस के साथ कर्तव्य में लगा हुआ है। देश के हर घर में खुशी के दीपक की लौ जलती रहे इसके लिए जवान अपना खून देकर दीपक को इंधन देते है। कई बार उनके अपने घर में न तो करंवाचौथ में मनती है और न ही दिवाली, वो खुद दूसरों की खुशी के लिए अपने आप को बलिदान करने से भी पीछे नहीं हटता।


वेतन नहीं, देशभक्ति व बलिदान की भावना से सैनिक की संकल्पना होती है पूरी
डांगी ने बताया कि कई लोगों का कहते हैं कि सुरक्षा बलों को इसके लिए वेतन मिलता है, अन्य सुविधाएं मिलती हैं। उन लोगों यह जानना चाहिए कि केवल वेतन से ही प्रभावित होकर कोई व्यक्ति बलिदान के लिए तैयार नहीं होता है, बल्कि देशभक्ति व देशवासियों की रक्षा की भावना उसे ऐसा करने प्रेरित करती है। जो लोग वेतन की बात करते हैं उन्हें सवाल करते हुए कहा कि क्या वे भी उतना ही वेतन मिलेगा अन्य सुविधाएं मिलने पर यह काम करेंगे। लोग सिर्फ बोलना जानते हैं, करना नहीं।माओवादियों का चुनाव बाहिष्कार का सपना सपना ही रह जाएगा : प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, माओवादियों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर रखी है, क्योंकि उनको पता है, चुनाव ही लोकतंत्र का आधार है, यदि लोग चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे तो वो अपना सही प्रतिनिधि नहीं चुन पाएंगे, उनका क्षेत्र पिछड़ा रहेगा, फिर लोगों के शासन के खिलाफ भड़काने का मौका मिल जाएगा। सुरक्षाबलों पर हमलों के लिए मजबूर किया जा सकेगा। लेकिन उन माओवादियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए पंजाब, मणिपुर, मेघालय, राजस्थान, तमिलनाडू व अन्य राज्यों से एवं केन्द्रीय सुरक्षाबल तैनात हैं और उनका सपना सपना ही रह जाएगा।

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