जल्द कमिशनिंग पर अब कर्मचारी दे रहे ध्यानएनएमडीसी का नगरनार प्लांट का ८० फीसदी काम पूरा हो चुका है। ऐसे में अब इसकी कमिशनिंग के लिए एनएमडीसी जल्दबाजी कर रहा है। क्योंकि पहले ही यह अपने तय समय सीमा से लेट हो चुका है इसलिए इसकी जल्द कमिशनिंग के लिए यहां के कर्मचारियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं व उच्च अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। शुक्रवार को डायरेक्ट ऑफ टेक्रिकल डिपार्टमेंट भी इसलिए ही आए थे। उन्होंने यहां कार्य की प्रगति देगी और भूप्रभावितों से भी कहा कि इसकी कमिशनिंग पर ध्यान दें।
क्या है मामला नगरनार प्लांट के लिए यहां की जमीन एनएमडीसी के लिए अधिग्रहित की गई थी। दो से तीन चरणों में यहां के करीब २००० एकड़ से अधिक जगह प्लांट के लिए अधिग्रहित की गई। इसमें अधिकतर जमीनें लोगों से सहमति के बाद लिए गए वह भी उनकी कंडिशन पर। जिसमें नौकरी व मुआवजा शामिल था। मुआवजा तो पूरा हो गया। लेकिन अब एनएमडीसी का काम पूरा होने वाला है तो केंद्र सरकार इसे कथित तौर पर निजी हाथों में सौंपने की बात चल रही है। इसके लिए डिमर्जर तक की प्रक्रिया पूरी भी हो चुकी है। ऐसे में यहां के भूप्रभावित उहापोह की स्थिति में है कि यदि प्लांट का निजीकरण हो जाता है तो उनकी नौकरी का क्या होगा। वे एनएमडीसी के कर्मचारी कहलाएंगे कि निजी कंपनी के। इसी बीच उच्च अधिकारी की ओर से इस तरह के बयान से भूप्रभावित राहत की सांस जरूर लेंगे।
यह प्रमुख लोग शामिल थे बैठक में संयुक्त इस्पात मजदूर संगठन, अध्यक्ष संतराम सेठिया, महेंद्र जॉन, स्टील श्रमिक युनियन के अध्यक्ष प्रभुलाल बघेल व जितेंद्र नाथ शामिल थे।