चुनावी साल होने की वजह से इस बजट के खास होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बजट में क्या होगा अभी इसे लेकर कुछ खास स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन माना जा रहा है कि शहर विकास से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं बजट में शामिल होंगी।
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शहर में नगर घड़ी की स्थापना का प्रावधान पिछले बजट में किया गया था लेकिन इसका काम शुरू नहीं हो पाया। इस साल कहा जा रहा है शहर सरकार नगर घड़ी का बजट दोबारा लेकर आ रही है और इस साल इसका काम भी शुरू होगा। इसके साथ ही शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए ई रिक्शा की खरीदी का प्रावधान भी संभव है।
चुनावी साल होने की वजह से राज्य के साथ ही शहर के बजट के केंद्र में युवाओं का होना तय माना जा रहा है। युवाओं को ध्यान में रखते हुए भी महापौर कोई बड़ी घोषणा कर सकती हैं। इस बीच इस बात की चर्चा भी है कि शहर में व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स के निर्माण को लेकर भी कुछ हो सकता है। इसके माध्यम से युवाओं को साधने की तैयारी हो रही है।
इधर राजस्व वसूली का काम जोर-जोर शोर से जारी, 17 करोड़ वसूले
निगम ने 31 मार्च से पहले 23 करोड़ की राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा था। सोमवार को लगभग 17 करोड़ रुपए की वसूली का आंकड़ा राजस्व विभाग से प्राप्त हुआ है। संपत्ति कर, जल कर, समेकित कर, यूजर चार्ज के साथ ही निगम के दुकानों से किराए के रूप में वसूली की गई है। निगम के राजस्व विभाग के अनुसार अब तक शहर के छोटे बकायदारों से वसूली लगभग पूरी हो चुकी है। बड़े बकायदार ही बचे हुए हैं जिनसे भी वसूली 31 मार्च से पहले करने का प्रयास जारी है। इधर टैक्स पटाने वालों का कहना है कि सुविधाएं कम हैं।
ऑनलाइन टैक्स पटाने का सिस्टम अब तक नहीं बन पाया
पिछले बजट में ई गवर्नेंस के तहत ऑनलाइन सभी टैक्स जमा करने की सुविधा के लिए 25 लाख रुपए का प्रावधान किया गया था, लेकिन इस पर काम अब तक शुरू नहीं हुआ। अब भी ऑफलाइन तरीके से ही बजट पटा रहे हैं। अगर यह सिस्टम बन जाए तो निगम के राजस्व अमले का भी काम कम होगा। माना जा रहा है निगम इस साल अपने इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट को शुरू कर सकता है।
ट्रांसपोर्ट नगर के लिए 5 करोड़ का बजट तय किया पर काम नहीं
ट्रांसपोर्ट नगर के लिए अमूमन हर बजट में घोषणा होती है लेकिन इसके लिए घोषणा के अनुरूप काम नहीं होता। ट्रांसपोर्ट नगर में सुविधाओं के लिए पिछले बजट में 5 करोड़ का बजट तय किया गया था लेकिन एक भी काम इस तय बजट से नहीं हुआ है। इसी तरह शहर के उद्यानों के रखरखाव के लिए 20 लाख रुपए तय किए गए थे लेकिन शहर में शहीद पार्क समेत ज्यादातर पार्क बदहाल हैं।
महापौर सफीरा साहू ने पिछले साल 2 अरब 48 करोड़ 28 लाख 37 हजार का बजट सदन में प्रस्तुत किया था। यह 58.60 लाख रुपए के घाटे का बजट था। तब महापौर ने 30 करोड़ रुपए सडक़, पुल-पुलिया और नालियों के निर्माण में के लिए खर्च किए जाने की घोषणा की थी। बीते एक साल में लगभग 30 करोड़ रुपए के काम घोषणा के अनरूप हुए हैं। हालांकि 10 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से अंतरराज्यीय बस स्टैंड में होने वाले विकास काम अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं। इसके अलावा नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों के लिए 1 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली आवासीय कॉलोनी का निर्माण भी लंबित है।