प्रवक्ता ने कहा कि, माओवादी पार्टी बस्तर के युवाओं को अग्निपथ का आगे बढ़कर विरोध करने के लिए अपील कर रही है। केंद्र तथा राज्य सरकारें एक ओर जनविरोधी नीतियों पर अमल करते हुए ऒर बेरोजगारी को बढ़ावा देती हैं वहीं दूसरी ओर गरीबी और बेरोजगारी का नाजायज फायदा उठाते हुए युवाओं को पुलिस, अर्धसैनिक और सैन्य बलों में भर्ती करती हैं। केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती नहीं करवाई जा रही।
जबकि दूसरी ऒर अस्थाई तौर पर ठेका पद्धति एवं दैनिक वेतन भोगी पद्धतियों में कुछ एक लोगों को शिक्षाकर्मी, शिक्षादूत, जनभागीदारी शिक्षक एवं कर्मचारियों के तौर पर नियुक्तियां दे रही हैं। स्थाई नौकरियों की तुलना में एक चौथाई वेतन ही दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दिया जाता है। जोकि न सिर्फ सरकारी विभागों में बल्कि सार्वजनिक उद्योगों में भी जारी है। अब इसे अग्निपथ के नाम पर सेना में भी शुरू किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि, भारतीय सेना में अग्निपथ के दो पक्ष हैं। जिनमें सैन्य भर्ती में ठेका पद्धति और सैन्य बलों को संघर्ष इलाकों में तैनात कर माओवाद पार्टी, PLGA, जनताना सरकारों को खत्म करने के लिए उपयोग करना है। इसी के विरोध में माओवादियों ने बस्तर के युवाओं से अग्निपथ का विरोध करने की अपील की है।