पंडि़तों ने बताया कि पंच महायोग का पहला दिन सिद्धि योग, दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरु पुष्यामृत योग, चौथा सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवा अमृत सिद्धि योग का संयोग है। पंच महायोग के संयोग में कुल देवी-देवता और मां पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही प्रकृति के हरे-भरे रहने की संभावना है। सावन में इस बार चार सोमवार पड़ेंगे। इसके अलावा 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन एक ही दिन मनेगा। Savan शुरू होते ही शिवमंदिरों में पूजा अर्चना भी शुरू हो जाएगी। सावन सोमवारी को लेकर मंदिरों में जोरो की तैयारियां भी चल रही है। इसमें 22 जुलाई को पहली, 29 जुलाई को दुसरी, 5 अगस्त को तीसरी और 12 अगस्त को चौथी सावन सोमवारी रहेगी।
Savan के तीसरे सोमवारी को नागपंचमी
इस बार नागपंचमी भी सोमवार 5 अगस्त को है। सोमवार और नागपंचमी दोनों ही दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। इससे इस बार नागपंचमी का विशेष महत्व होगा। नागपंचमी के दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और त्रियोग का संयोग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग और रवि योग यानी त्रियोग के संयोग में काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना फलदायी होता है।
ऐसे करे सावन के सोमवार में पूजा
० सुबह स्नान के बाद घर से नंगे पैर मंदिर जाएं और घर से ही जल भरकर ले जाएं।
० पहले शिवलिंग पर जल अर्पित करें, भगवान को साष्टांग करें। इसके बाद 108 बार शिवमंत्र का जाप करें।
० शाम को भगवान के मंत्रों का जाप के बाद उनकी आरती करें।