ऐसे पहुंंच सकते हैं यहां
इस इलाके में जंपनावागू नदी को पवित्र नदी माना जाता है। इसके तट पर सामक्का व समलक्का माता की पूजा अर्चना व इन्हें गुड़ का भोग चढ़ाने दूर दराज से लोग पहुंचेंगे। राज्य शासन ने इसके लिए तेलंगाना सरकार ने सौ करोड रुपए बजट का प्रावधान किया हुआ है। आप यहां कोंटा से भद्राचलम होते हुए तेलंगाना के मनगुर होते मेड़ारम जाया जा सकता है। यह दूरी १२० किमी है। इसके अलावा बीजापुर से तारलागुड़ा एडुरनागाराम होते मेड़ाराम जा सकते हैं। यह दूरी बीजापुर से १३० किमी है। दोनों ही रास्तों पर सडक़ बेहतर हैं।
मेड़ारम में यह हो रहा इंतजाम
छत्तीसगढ़ सहित अन्य ४ राज्यों से श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। इन्हें पहुंचाने 4 हजार से अधिक यात्री बसों की व्यवस्था की जा रही है। कनेक्टिविटी के लिए मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। स्वच्छता के लिए १८ हजार से अधिक शौचालय बनाए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से सिर्फ ग्रे हाउंड के ही पंदह सौ जवान तैनात रहेंगे। पेयजल के लिए पाइप लाइन व भोजन के लिए होटल- दुकानें लगनी शुरु हो गइ हैं।
कई क्विंटल गुड़ का चढ़ावा
मान्यता के अनुसार यहां समक्का व सारलम्म्मा देवी को गुड़ का चढ़ावा दिया जाता है। इसके चलते कई सौ क्विंटल गुड़ यहां प्रसाद के तौर पर चढ़ावा चढ़ता है। गुड़ को सोने का प्रतिरुप माना जाता है। मंदिर पहुंचने के पहले श्रद्धालु पवित्र नदी में स्नान करते हैं उसके बाद माता के दर्शन करते हैं।