कोऑपरेटिव बैंक के 77 हजार 662 किसानों पर 890 करोड का कर्ज
जिला कुल कर्ज लेने वाले किसानों की संख्या
कांकेर 31624
बस्तर 17429
कोण्डागांव 15967
नाराय़णपुर 1863
दंतेवाडा 2181
सुकमा 2740
बीजापुर 5858
(आंकड़े सिर्फ कोओपरेटिव बैंक के हैं, किसानों ने दूसरे बैंको से भी कर्ज लिया है)
पद ग्रहण करने के कुछ घंटों के भीतर ही किसानों की कर्जमाफी का ऐलान
गौरतलब है कि कांग्रेस ने चुनाव के ऐन पहले अपना घोषणा पत्र जारी किया था। जिसमें किसानों के कर्ज माफी की सरकार बनने के 10 दिन के भीतर करने की घोषणा की गई थी। इसे कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक के रूप में देखा गया। इस घोषणा को किसानों के उपर इस कदर असर हुआ कि फसल बेचने तक के लिए किसान नहंीं निकल रहे थे। उनका साफ कहना था कि कर्ज माफी व धान की रकम बढऩे की घोषणा के बाद ही फसल बेचेंगे। आखिर हुआ भी ऐसा ही। यह चुनावी जुंबला साबित नहीं हुआ और कांग्रेस ने सत्ता में आने व सीएम पद ग्रहण करने के कुछ घंटों के भीतर ही किसानों की कर्जमाफी का ऐलान कर किसानों की उम्मीदों के मुताबिक फैसला लिया और सबके चेहरे पर खुशी ला दी।
कोऑपरेटिव बैंक में ही 890 करोड़ के किसान कर्जदार
कोऑपरेटिव बैंक के उपाध्यक्ष शेष नारायण तिवारी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके यहां संभागभर के करीब 77 हजार किसानों के 890 करोड़ का कर्ज है। नई सरकार बनने के बाद व कुछ दिन पहले इसकी जानकारी मांगी गई थी। जिसे भेज दिया गया है। हालांकि उन्होंने बताया कि कर्ज माफी सबंधित कोई जानकारी उनके पास अभी तक नहीं आई है।
सिर्फ धान ही नहीं चना व गेहूं के लिए कर्ज भी होंगे माफ
टीएस ङ्क्षसहदेव ने बताया कि 2018 में फसल लेने के लिए जिन किसानों ने कर्ज लिया है, उनके कर्ज माफ होंगे। इसमें केवल धान ही नहीं है, बल्कि चना व गेंहू की खेती करने वाले किसान भी शामिल हैं। इसके लिए आदेश भी जारी कर दिए गए है, जल्द ही उन्हें लाभ मिल जाएगा। साथ ही जिन लोगों ने इस वर्ष अपनी फसल की राशि जमा करा दी है, उनके रकम वापस होंगे।
सभी किसानों को मिलेगा लाभ
मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि, चाहे छोटा किसान हो या बड़ा किसान हो। जिन्होंने धान की फसल के लिए लोन लिया था। चने की खेती, गेहूं की खेती के लिए लोन लिया था। 2018 की फसल चाहे वह कोऑपरेटिव बैंक, ग्रामीण बैंक या अन्य शेड्यूल्ड बैंको से लिया हो। सभी के कर्ज माफ होंगे।