गूगल गुरू की मदद ले रहे
उन्होंने कहा कि जिस तरह से जीवन में सूचनाओं का प्रभाव बढ़ा है तो हम सब थोड़े भ्रमित भी हैं कि आखिरकार सत्य और असत्य में फर्क कैसे समझा जाए। जीवन के अकेलेपन की शून्यता को डिजीटल मीडिया कम किया है फिर भी हम अकेले हैं।हमें समाज के साथ और मजबूती से जुडऩा होगा। उन्होंने कहा कि सिटीजन और नेटीजन के बीच फर्क समझने की जरूरत है। हम संदर्भ के लिये गूगल गुरू की मदद ले रहे हैं। इसकी प्रमाणिकता कैसी है उसकी भी जांच परख होनी चाहिये।डिजिटल मीडिया ने सबको अपने विचारों को मजबूती रखने व सवाल उठाने का अधिकार दिया है। हमेशा हमारे सवाल समाज के हित में होना चाहिये। प्रो. द्ववेदी ने कहा कि डीजिटल मीडिया ने पारंपरिक मीडिया को साथ जो स्वरोजगार के नये अवसर दिये है। इससे एक नवीनता भी आई है। सभी मीडिया माध्यमों ने हमारे सोच और सूचनाओं को नया स्वर दिया है। हम सूचनाओं से स्वालंबन, समग्रता, संवाद और समाज को मजबूत कर रहे हैं। इस डिजिटल मीडिया से पूरे सृष्टि को नई दृष्टि दी है।
बस्तर के लोगों की आवाज बने महाराजा प्रवीर चंद्र भंजेदव
बस्तर महाराजा पर उन्होंने कहा कि बस्तर की आवाज को महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव, पूर्व सांसद स्व. बलीराम कश्यप, स्व. महेंद्र कर्मा और लेखक लाला जगदलपुरी जैसे महान विभूतियों ने स्वर दिया है। जिनके कार्यों की चर्चा मीडिया के हर माध्यमों में है। उन्होंने कहा कि जीवन में डिजीटल मीडिया से पारदर्शिता आई है। हम एक दूसरे से इसी के जरिये जुड़ रहे हैं। हमें इस नवीन माध्यमों को और मजबूत करके सकारात्मक समाज गढऩे की जरूरत है। इस वेबिनार में श्रीनिवास मद्दी, शेषनारायण तिवारी, संजय पाण्डेय, जीएस मनमोहन, यंशवत गोहिल, लोकेन्द्र सिंह, दीपा कुमार, मीता उज्जैनी सहित देशभर के प्रतिभागी जुड़े। संचालन वर्षा मेहर व सहयोग अतुल प्रधान का रहा।