script35 से अधिक मजदूर हैदराबाद में बंधक, श्रम अधिकारी से शिकायत लेकिन… | More than 35 laborers Mortgage in Hyderabad | Patrika News
जगदलपुर

35 से अधिक मजदूर हैदराबाद में बंधक, श्रम अधिकारी से शिकायत लेकिन…

जहां काम तो लिया जाता है पर मेहनताने के नाम पर कुछ नहीं मिलता। कई बार तो ऐसे स्थान से मजदूर का शव ही वापस लौटता है।

जगदलपुरJan 19, 2019 / 01:20 pm

चंदू निर्मलकर

Chhattisgarh news

35 से अधिक मजदूर हैदराबाद में बंधक, श्रम अधिकारी से शिकायत लेकिन…

जगदलपुर/केशकाल. जिले में रोजगार की भारी कमी है, ऐसे में बेरोजगार युवा रोजगार की तलाश में भटकते हुए दलालों के चंगुल में फं स जाते है। दलाल उन्हें अधिक दाम में कम काम का लालच दे कर ऐसे जगह ले जाते है। जहां से वे आसानी से लौट कर नहीं आ सकते। ऐसी जगहों में पहुंच कर रोजगार तलाशते युवकों को हकीकत के बारे में पता चलता है। जहां काम तो लिया जाता है पर मेहनताने के नाम पर कुछ नहीं मिलता। कई बार तो ऐसे स्थान से मजदूर का शव ही वापस लौटता है।
ऐसा ही मामला कोण्डागांव में प्रकाश में आया है। दलालों के चंगुल में फरसगांव के चार युवक हैदराबाद पहुंच गए। जहां उन्हें पता चला कि जिसने उन्हें यहां काम पर लगवाया है। उस व्यक्ति ने उसके साथ दगा करते हुए 10 हजार रुपए के दर पर बेच दिया है। चारों युवक कुछ दिन के बाद हैदराबाद से भागकर घर तो लौट आए।
यहां पहुंच इन युवकों ने मामले की लिखित शिकायत श्रम अधिकारी को कर दी। साथ ही इन्होंने यह भी बताया कि उस स्थान पर प्रदेश के कई अन्य युवक-युवती भी बंधुवा मजदूर बनाकर रखे गए है। अब युवकों का आरोप है कि विभाग इस ओर अब तक कोई ध्यान नहीं दे रहा। मामले की जानकारी देते हुए विकासखंड फरसगांव के ग्राम पंचायत चुरेगांव निवासी रितेश कुमार मरकाम 22 पिता आसाराम ने बताया कि पड़ोसी गांव भानपुरी के सराराटिकरा निवासी रितेश कोर्राम उसे और उसके ही गांव के श्यामसुंदर, जागेश्वर व सुरेंद्र भारद्वाज को काम दिलाने के नाम पर 4 जनवरी को हैदराबाद भेजा।
हैदराबाद भेजते समय उसने एक नम्बर दिया और कहा वहां पहुंच इस नंबर से संपर्क करने पर बस स्टैण्ड में उन्हें कोई लेने पहुंच जाएगा। रितेश के कहे अनुसार हैदराबाद बस स्टैंड पर उन्हें लेने विनोद नामक व्यक्ति पहुंचा भी। तब तक इन चार दोस्तों को सब ठीक ही लग रहा था। इसके बाद उन्हें वेंकट सई कंपनी बरमापल्ली हैदराबाद ले जाया गया। यहां उन्हे सीमेंट ईट बनाने का काम दिखाया गया। जिसे करने से इन चारों ने मना करते हुए घर वापसी की बात कही।

इधर पांच दिन बाद घर पहुंचा चिन्तुराम का शव
सिंगनपुर निवासी चिन्तुराम नेताम समेत तीन युवकों को इसी गांव के विजय ने काम का लालच देकर बोरवेल वाहन में काम करने तमिलनाडु ले गया। यहां चिन्तुराम की तबीयत खराब हो गई और ईलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु की सूचना 3 दिन बाद परिवार को लगी। परिवार का आरोप है कि श्रम विभाग की लेट लतीफ ी के कारण 11 जनवरी को मृत हुए चिन्तुराम नेताम का शम 16 जनवरी की सुबह पांच दिन बाद तमिलनाडु से सिंगनपुर लाया गया।

मां को रोते हुए किया कॉल, मां ने भेजे 7 हजार, फि र भी नहीं हुई वापसी
रितेश ने उनके साथ हुए बदसलूकी के बारे में बताया कि जब वे हैदराबाद से वापस आना चाहते थे तो मैनेजर उनसे दलाल को दिए गए 10 हजार रुपए वापस मांगने लगा। इस बात को लेकर रितेश ने अपने घर पर मां के पास कॉल किया। परिजनों से सौदेबाजी के बाद 6 हजार रुपए रिहाई के लिए और बस किराया के लिए एक हजार रुपए पर डील पक्का हुआ। परिजनों ने तय सौदा अनुसार रकम तो भिजवा दिए लेकिन उनकी रिहाई नही की गई। रिहाई नहीं होने से रितेश वहां से किसी तरह भाग निकला।
बंधकों को छुड़ाने सप्ताह भर का समय और लगेगा
इस मामले पर जब जिला श्रम अधिकारी आरजी सुधाकर से चर्चा किया तो उनसे सकारात्मक जवाब नहीं मिला। उनके अनुसार आवेदक ने 10 जनवरी को लिखित शिकायत दिया है। इस मामले में कार्रवाई जारी है। अभी एक सप्ताह की देरी और होगी। आर्थिक व अन्य व्यवस्था करने में समय लग रहा है। जिस कारण दल रवाना नहीं किया गया है। वहीं अधिकारी सुधाकर ने यह भी बताया कि मजदूरों से अब तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है। अधिकारी के इस लेट लतीफ ी का खामियाजा बंधक मजदूरों को भुगतना पड़ सकता है।
कम्पनी में महिला मजदूर भी बंधक
भागकर लौट गए चारों युवकों की माने तो बरमापल्ली हैदराबाद की वेंकट सई कंपनी में 35 से 40 व्यक्ति अब भी बंधूआ मजदूर की तरह काम कर रहे है। रितेश कुमार मरकाम की माने तो बंधक मजदूर इसलनार, मर्दापाल व चिंगनार क्षेत्र के है। इनमें 3 युवतियां भी शामिल हैं जिसके साथ शारीरिक शोषण का भी अंदेशा व्यक्त किया गया है।
घर वापसी की बात पर मैनेजर ने की मारपीट
जब इन चारों ने ईंट बनाने के काम को मना किया तो कंपनी के मैनेजर ने उनके साथ मारपीट करते हुए अभद्रता की। मौके पर मैनेजर ने उनसे कहा कि रितेश मरकाम, श्यामसुंदर, जागेश्वर और सुरेंद्र भारद्वाज के ऐवज में रितेश कोर्राम को दस-दस हजार रुपए दिए है। काम छोड़ कर जाना है तो सभी दस-दस हजार रुपए लौटाकर घर लौट जाए। परिस्थिति को देखते हुए चारों वहीं रुक गए। 2 दिन के बाद 7 जनवरी को वे किसी तरह वहां से भाग निकले।

Home / Jagdalpur / 35 से अधिक मजदूर हैदराबाद में बंधक, श्रम अधिकारी से शिकायत लेकिन…

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो