हर संदिग्ध को सीधे जिला हास्पिटल लाना पड़ता है
दफ्तर के काम-काज की प्रकृति को देखते हुए यहां पर थर्मल स्कैनर डिवाइस का इस्तेमाल हर आगंतुक की जांच के लिए होना चाहिए, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। विभाग के पास अब तक थर्मल स्केनर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं है, जिससे जिले के किसी भी हिस्से से मिलने वाले हर संदिग्ध को सीधे जिला हास्पिटल लाना पड़ता है।
फागिंग या छिड़काव की व्यवस्था नहीं
जिला मुख्यालय समेत जिले के अन्य नगरीय निकायों में में नालियों की साफ-सफाई, फागिंग व दवा छिड़काव की शुरूआत नहीं हुई है, जबकि कोरोना संक्रमण की आशंका के मद्देनजर नियमित रूप से सफाई व छिड़काव की जरूरत है।
जिला हास्पिटल के वेंटीलेटर चालू हालत में नहीं
जिला हास्पिटल में गंभीर मरीजों के इलाज के लिए खरीदे गए 3 वेंटीलेटर में कोई भी चालू हालत में नहीं है, लेकिन हास्पिटल के अफसर इसे चालू होना बता रहा हैं। वेंटीलेटर कोरोना संदिग्धों के लिए बनाए गए आईसोलेशन वार्ड में रखे जाने की बात कही जा रही है, जिसकी तस्दीक के लिए जाने में मीडिया के लोग भी कतरा रहे हैं, इससे वेंटीलेटर की सही स्थिति का पता नहीं चल पा रहा है।
उच्च क्वालिटी के मास्क की जरूरत होती है
हास्पिटल स्टाफ के लिए पर्याप्त मास्क, ग्लब्स और दूसरे सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध नहीं हैं। प्रसव के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान्य ग्लब्स का ही इस्तेमाल डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कर रहे हैं, जबकि कोरोना संक्रमण के खतरे से निपटने के लिए डबल लेयर मास्क व उच्च क्वालिटी के मास्क की जरूरत होती है। हास्पिटल के गेट पर अब तक कोरोना संदिग्धों की थर्मल स्केनिंग का इंतजाम नहीं हुआ है।