सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया
बताया जा रहा है कि उड़ान ३ की घोषणा के साथ ही झारसुगुड़ा में रनवे पर काम शुरू हुआ। रनवे का एरिया बढ़ाया गया। जरूरी संसाधन और लाइट की व्यवस्था की गई। विजिबिलटी के लिए जरूरी और आधुनिक मशीन लगाई गई। सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया। इसी से संतुष्ट होकर एलायंस एयर ने रायपुर से झारसुगुड़ा की फ्लाइट शुरू करने का ऐलान किया।
जबकि बस्तर में स्थिति उलट थी
डीजीसीए की टीम ने फरवरी में जगदलपुर एयरपोर्ट का दौरा किया। इस दौरान एयरपोर्ट प्रबंधन और जिला प्रशासन से सुविधाएं बढ़ाने के लिए कहा गया। ताकि एयरपोर्ट डीजीसीए के मानकों और एवियेशन कंपनी की जरूरतों को पूरा कर सके, लेकिन इस दिशा में गंभीरता से काम हीं किया गया। रनवे तो बढ़ाया लेकिन रनवे पर विजिबिलटी के लिए जरूरी मशीन का आधुनिकीकरण नहीं करवा पाए।
अब आगे क्या हो सकता है
एयरपोर्ट प्रबंधन और जिला प्रशासन को डीजीसीए को रनवे और सुरक्षा को लेकर भरोसे में लेना होगा। उनकी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में तेजी से काम करना होगा। सेकेंड फेस में जुलाई-अगस्त में काम हो सकता है, तब तक अगर व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई तो शायद कंपनी संचालन के लिए राजी हो जाए। सुरक्षा का बड़ा विषय है क्योंकि बस्तर एक माओवाद प्रभावित इलाका है। सुरक्षा व्यवस्था होने को लेकर कंपनियों और डीजीसीए को संतुष्ट करना होगा। प्रशासन व एयरपोर्ट के अफसर अब इसी दिशा में काम कर सकते हैं।