गलती छुपाने धीरे-धीरे कर लीपापोती में लगे हैं
हालंकि ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत होने के बाद तकरीबन आधा दर्जन पंचायतों में नियमानुसार कार्रवाई भी की गई हैं। तो वही कुछ पंचायत प्रतिनिधि अपनी गलती छुपाने के लिए धीरे-धीरे कर लीपापोती में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला विकासखंड माकड़ी के ग्राम पंचायत तमरावण्ड के आश्रित ग्राम खूटबेड़ा मावलीपारा के ग्रामीणों ने पीएम आवास की जमीनी हकीकत से रूबरू करवाया। जो यह सिद्व करने के लिए है कि, शासन द्वारा बनाई गई जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन जिले में किस तरह से हो रहा है।
अब भी आधे-अधूरे ही हैं शौचालय
मंगलवार को कलक्टर जनदर्शन में अपनी समस्या लेकर पहुंचे ग्राम सिरपुर व गोड़मा के ग्रामीणों ने बताया कि, पंचायत कुछ घरों में शौचालय निर्माण आदि के लिए समान दिया गया जो आधा-अधूरा ही है। इस वजह से कुछ लोगों ने तो अपने खर्च पर शौचालय का निर्माण तो करवा लिया, लेकिन कुछ के घरों में आज भी अधूरे शौचालय हैं। बावजूद इसके पंचायत को ओडीएफ घोषित किया जा चुका हैं। बिना शौचालय के ही ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। हांलाकि ग्रामीणों की माने तो जो पंचायत से प्रोत्साहन राशि मिलनी थी।
छत से रिस रहा पानी इसलिए झोपड़ी में रह रहे हैं
माकडी के ग्राम पंचायत तमरावण्ड में बनाए जाने वाले व बनाए जा चुके पीएम आवास सभी ठेकेदारी प्रथा से बनाए गए हैं। जिनमें से कुछ पूर्ण हैं, तो वहीं कुछ लगभग एक साल से अपूर्ण पड़े हैं, लेकिन महात्वपूर्ण बात यह है कि, जो पीएम आवास ठेकेदार द्वारा बनाए गए हैं, जो बन गए हैं उनकी छत में से भी बरसाती पानी का रिसाव होने के कारण ग्रामीण हितग्राही सरकारी योजना से बनवाए गए आवास में न रहकर अपनी पुरानी झोपडी में ही रहना मुनासिब समझ रहे हैं। ऐसे आवासों में वर्ष 2016-17 से बनाए मकान से लेकर वर्तमान वर्ष तक बनाए गए आवास भी शामिल हैं।