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बस्तर

शिक्षाकर्मियों और सरकार की लड़ाई के बीच पीस रहे बच्चे, दोनों ही अड़े हुए हैं अपनी जिद पर

रायपुर जा रहे शिक्षाकर्मियों को घंटों रोके रखा, राजधानी जाने से रोकने के लिए पुलिस ने संभाग मुख्यालय से लेकर राजधानी तक लगाया चेक पोस्ट।

बस्तरDec 03, 2017 / 12:02 pm

ajay shrivastav

शिक्षाकर्मियों से घबराई सरकार, पुलिस चेक पोस्ट लगाकर ढूंढती रही रातभर, कई को ठंडी में बिठाए रखा

शिक्षाकर्मियों से घबराई सरकार, पुलिस चेक पोस्ट लगाकर ढूंढती रही रातभर, कई को ठंडी में बिठाए रखा

शिक्षाकर्मियों से घबराई सरकार, पुलिस चेक पोस्ट लगाकर ढूंढती रही रातभर, कई को ठंडी में बिठाए रखा

जगदलपुर/दंतेवाड़ा/कोंडागांव/फरसगांव . शिक्षाकर्मियों की संविलियन रैली के पहले ही पुलिस ने प्रदेश के विभिन्न मार्गो पर चेक पाइंट बनाकर दबिश दी और शिक्षाकर्मियों को अस्थाई रूप से हिरासत में लिया। गौरतलब है कि शनिवार को राजधानी रायपुर में संविलियन रैली थी और धरना स्थल के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 भी लगाई गई थी। अधिकांश इलाकों में विभिन्न जिले के पदाधिकारी संविलियन रैली में शामिल नहीं हो सके। जगदलपुर के पदाधिकारियों को कांकेर में ही रोक दिया गया था। ब्लाकों से शिक्षाकर्मी के पदाधिकारी अब रायपुर में ही धरना प्रदर्शन करेंगे। मोर्चा के राजेश गुप्ता ने बताया कि ब्लाकों से पदाधिकारी राजधानी पहुंच रहे हैं। दो-तीन दिनों में यदि प्रशासन ध्यान नहीं देती है, फिर से ब्लाकों में धरना प्रदर्शन करेंगे। शासन से प्रतिनिधि मंडल ने चर्चा किया था, लेकिन शासन समिति बनाने पर अड़ी हुई है। शासन धरना प्रदर्शन और रैली को कमजोर करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। अभी तक कई पदाधिकारियों को छोड़ा नहीं गया है।
शिक्षाकर्मियों के साथ कांग्रेसी
कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुशील मौर्य ने कहा कि बीजेपी शासन का तानाशाही रवैया सामने आ रहा है। धरना प्रदर्शन को कमजोर करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इनकी मांगे पूरी तरह जायज हैं। हम शिक्षाकर्मियों की मांगों का समर्थन करते हैं।
शिक्षाकर्मियों से घबराई सरकार, पुलिस चेक पोस्ट लगाकर ढूंढती रही रातभर, कई को ठंडी में बिठाए रखा
कांग्रेस जिला अध्यक्ष हौंसला बढाने पहुंचे धरना स्थल
दंतेवाड़ा. रायपुर जा रहे वाहनों को शुक्रवार रात गीदम थाना पुलिस ने रोक लिया। चेङ्क्षकग के नाम पर रोके गए जिन वाहनों मेंं शिक्षक सवार थे उनको थाना में बैठा दिया गया। दुर्गा पंडाल में धरना स्थल पर बैठे शिक्षकों में सरकार के खिलाफ बेहद नाराजगी देखी जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार डेढ लाख शिक्षकों कुचल रही है और 50 लाख से अधिक बच्चों के भविष्य को खराब कर रही है। सरकार के दमनकारी कदम का अहिंसात्मक विरोध जारी रहेगा।
इधर रायुपर में चल रही कार्रवाई के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सभी जिला अध्यक्षों को उनका समर्थन करने के लिए निर्देशित किया है। धरना स्थल पर पहुंचे जिला अध्यक्ष विमल सुराना ने कहा कि भाजपा सरकार समान वेतन और समान पद का पूरा लाभ देना होगा। इस पार्टी की करनी कथनी में अंतर है। शिक्षकों की जायज मांगे जो खुद भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र और संकल्प पत्र में थी।
इस आंदोलन में शहीद हो गए साथी
जिला अध्यक्ष विमल सुराना ने कहा इस आंदोलन के चलते पांच शिक्षा कर्मियों की जान चली गई। सरकार के द्वारा की गई ये हत्या है। कोई सदमें तो किसी को हादसे ने निगल लिया। सरकार संवेदनहीनता की हदें पार कर चुकी है। सही मायने में देखा जाए तो इनकी शहादत है। ये शहीद हो गए है,सरकार इनको कुचलने में लगी हुई है।
शिक्षाकर्मियों से घबराई सरकार, पुलिस चेक पोस्ट लगाकर ढूंढती रही रातभर, कई को ठंडी में बिठाए रखा
प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाइ्र्र
वाहनों को रोक-रोककर की गई पूछताछ
कोंडागांव में शिक्षाकर्मी अपनी मांगों को लेकर राजधानी रायपुर में प्रदर्शन करने के लिए शुक्रवार को ही निकल गए। लेकिन इनकी जांच में लगी जिला प्रशासन व पुलिस की टीम रात भर शिक्षाकर्मियों को ढूंढ – ढूंढ कर राजधानी जाने से रोकती रही।
जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय कोंडागांव के नारायणपुर तिराहे के साथ ही फरसगांव-बोरगांव ढाबा, केशकाल सहित अन्य जगहों पर चेक पोस्ट लगाए गए थे। जहां हर छोटी-बड़ी गाडिय़ों की जांच पुलिस के द्वारा की जा रही थी। बताया जा रहा है कि शिक्षाकर्मियों को रोकने के लिए यह सारी व्यवस्था की गई थी। जिले में हड़ताल की बागडोर संभाल रहे जिला संचालक हड़ताल ऋषि देव सिंह ने बताया कि सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके उनकी टीम राजधानी रायपुर पहुंच गई। वहीं उनके कुछ साथी राजधानी पहुंचने से वंचित रह गए।
रायपुर कूच करने पर रोका
फरसगांव में शिक्षाकर्मी के बेमियादी हड़ताल का आज बारहवां दिन विखं फरसगांव के सभी शिक्षाकर्मी रायपुर कूच करने अपने-अपने व्यवस्था से गनतव्य पर निकल चुके हैं। शिक्षाकर्मी के हडताल रोकने सरकार जगह जगह अस्थाई बेरिकेट लगाकर कूच कर रहे शिक्षाकर्मियों को रोकने की कोशिश की जाती रही। जगह-जगह पुलिस की तैनाती गई थी। कांग्रेसी नेताओं ने इसे रमन सरकार दमनात्मक नीति पर अफसोस जताया और कहा कि इसका नतीजा चुनाव में भुगतने तैयार रहें।

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