कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुशील मौर्य ने कहा कि बीजेपी शासन का तानाशाही रवैया सामने आ रहा है। धरना प्रदर्शन को कमजोर करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इनकी मांगे पूरी तरह जायज हैं। हम शिक्षाकर्मियों की मांगों का समर्थन करते हैं।
दंतेवाड़ा. रायपुर जा रहे वाहनों को शुक्रवार रात गीदम थाना पुलिस ने रोक लिया। चेङ्क्षकग के नाम पर रोके गए जिन वाहनों मेंं शिक्षक सवार थे उनको थाना में बैठा दिया गया। दुर्गा पंडाल में धरना स्थल पर बैठे शिक्षकों में सरकार के खिलाफ बेहद नाराजगी देखी जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार डेढ लाख शिक्षकों कुचल रही है और 50 लाख से अधिक बच्चों के भविष्य को खराब कर रही है। सरकार के दमनकारी कदम का अहिंसात्मक विरोध जारी रहेगा।
जिला अध्यक्ष विमल सुराना ने कहा इस आंदोलन के चलते पांच शिक्षा कर्मियों की जान चली गई। सरकार के द्वारा की गई ये हत्या है। कोई सदमें तो किसी को हादसे ने निगल लिया। सरकार संवेदनहीनता की हदें पार कर चुकी है। सही मायने में देखा जाए तो इनकी शहादत है। ये शहीद हो गए है,सरकार इनको कुचलने में लगी हुई है।
वाहनों को रोक-रोककर की गई पूछताछ
कोंडागांव में शिक्षाकर्मी अपनी मांगों को लेकर राजधानी रायपुर में प्रदर्शन करने के लिए शुक्रवार को ही निकल गए। लेकिन इनकी जांच में लगी जिला प्रशासन व पुलिस की टीम रात भर शिक्षाकर्मियों को ढूंढ – ढूंढ कर राजधानी जाने से रोकती रही।
फरसगांव में शिक्षाकर्मी के बेमियादी हड़ताल का आज बारहवां दिन विखं फरसगांव के सभी शिक्षाकर्मी रायपुर कूच करने अपने-अपने व्यवस्था से गनतव्य पर निकल चुके हैं। शिक्षाकर्मी के हडताल रोकने सरकार जगह जगह अस्थाई बेरिकेट लगाकर कूच कर रहे शिक्षाकर्मियों को रोकने की कोशिश की जाती रही। जगह-जगह पुलिस की तैनाती गई थी। कांग्रेसी नेताओं ने इसे रमन सरकार दमनात्मक नीति पर अफसोस जताया और कहा कि इसका नतीजा चुनाव में भुगतने तैयार रहें।