scriptजानिए आखिर क्यों ओपीडी बंद होने के बाद इस जिला अस्पताल में नहीं होती कोई सर्जरी | Surgery not done this hospital after OPD is closed, maharani Hospital | Patrika News
जगदलपुर

जानिए आखिर क्यों ओपीडी बंद होने के बाद इस जिला अस्पताल में नहीं होती कोई सर्जरी

ओपीडी (OPD) बंद होते ही बंद हो जाती है सर्जरी (Surgery), सिजेरियन डिलवरी (Cesarean delivery) वाले भी काटते है दूसरे अस्पतालों (Hospital) के चक्कर

जगदलपुरAug 27, 2019 / 12:49 pm

Badal Dewangan

जानिए आखिर क्यों ओपीडी बंद होने के बाद इस जिला अस्पताल में नहीं होती कोई सर्जरी

जानिए आखिर क्यों ओपीडी बंद होने के बाद इस जिला अस्पताल में नहीं होती कोई सर्जरी

जगदलपुर. महारानी अस्पताल (Maharani Hospital) में डॉक्टर (Doctor) और अव्यवस्थाओं की वजह से बस्तर के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है। जिला अस्पताल में सिर्फ एक एनेस्थीसिया डॉक्टर (Anaesthesia Doctor) है, जो सिर्फ ओपीडी (OPD) के समय ही ड्यूटी करते है। दोपहर 2 बजे ओपीडी खत्म होने के बाद यहां पर सिजेरियन डिलवरी (Cesarean delivery) नहीं हो पाती है। ऐसे में मरीजों को डिमरापाल मेडिकल कॉलेज या निजी हॉस्पिटल जाना पड़ता है।

यह भी पढ़ें

लाखों खर्च करने के बावजूद जिले का ये अस्पताल तालाब में हो गया है तब्दील

जिला अस्पताल सिर्फ रेफरल सेंटर बनकर रह गया है
यहां पर डॉक्टर, स्टॉफ व आवश्यक उपकरणों की कमी है। इतना ही नहीं जीवन रक्षक दवाओं का भी टोटा बना रहता है। महारानी अस्पताल में रोजाना ओपीडी में करीब ५०० से अधिक मरीज आते हैं। वहीं यहां पर हर महीने ६० से ७० प्रसव होता है। इसमें करीब 30 से 40 सिजेरियन होती है, जिन्हें प्रसव के लिए मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। वहीं निर्माण कार्य में देरी की वजह से यहां पर वार्ड की भी कमी है। यहां पर मेडिकल, सर्जिकल वार्ड के मरीजों को एक साथ रखा जाता है। इतना ही नहीं हॉस्पिटल में चाइल्ड वार्ड भी नहीं है।

यह भी पढ़ें

कबाड़ में पड़े है कई गद्दे, लेकिन प्रबंधन की अनदेखी के चलते मरीज जमीन में लेटकर करा रहे इलाज

सफाई व्यवस्था भी चौपट
हॉस्पिटल की सफाई व्यवस्था भी चौपट हो गई है। ओपीडी से लेकर वार्डो में जगह-जगह गंदगी फैली रहती है। हॉस्पिटल में दो से तीन नियमित सफाई कर्मचारी है। साथ ही ५ से ६ जीवन दीप समिति से भी सफाई कर्मचारी रखा गया है। बावजूद सफाई व्यवस्था बदहाल है। गंदगी से मरीज और उनके परिजनों को काफी दिक्कत
हो रही है।

रात में नहीं होता मरीजों का एक्स-रे
सौ बिस्तर वाले अस्पताल में रात में एक्स-रे नहीं होता है। इमरजेंसी केस वाले मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। हॉस्पिटल में एक ही मैनुअल एक्स-रे मशीन है, जो सिर्फ ओपीडी के समय चालू रहता है। लापरवाही के चलते जिला अस्पताल की स्थिति सीएचसी, पीएचसी से भी बदतर हो गई है।

यह भी पढ़ें

महारानी अस्पताल के बेड पर मरीज की जगह अब दिखते हैं चूहे और बिल्ली

वार्डों में बेड की भी कमी भी देखी जा रही है
महारानी अस्पताल में इन दिनों मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। इससे वार्डों में बेड की कमी हो रही है, जबकि हॉस्पिटल के ओटी के ऊपर कई बेड और गद्दा कबाड़ में पड़ा हुआ है। इसके बावजूद प्रबंधन इसका उपयोग नहीं कर रहा है। सौ बस्तिर हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में सिर्फ दो से तीन बेड ही उपलब्ध है। बुधवार को एक गंभीर मरीज को बेड नहीं मिलने पर व्हीलचेयर में बैठाकर स्लाइन लगाना पड़ा। मरीज की हालत बिगडऩे पर उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।

हॉस्पिटल का ड्रेनेज सिस्टम भी ठप
हॉस्पिटल का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से ठप है। बारिश होने पर अस्पताल परिसर में डेढ़ से दो फिट तक पानी भर जाता है। इससे सभी वार्डों के शौचालय भी चोक हो गया है। इससे मरीज व उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है। दरअसल हॉस्पिटल के आसपास स्थिति नाली पूरी तरह से जाम हो गई।

Click &

यह भी पढ़ें

Maharani Hospital jagdalpur

Home / Jagdalpur / जानिए आखिर क्यों ओपीडी बंद होने के बाद इस जिला अस्पताल में नहीं होती कोई सर्जरी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो