मुख्यमंत्री ने कहा, क्यों नहीं। पहले खूब पढ़ो और जनता की सेवा करो। इसी तरह आत्मसमर्पित नक्सली अनिल कुंजाम ने बताया कि मैंने जो स्कूल तोड़ा था, वो स्कूल बनाने में सहयोग किया है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर तहसील कार्यालय का निरीक्षण भी किया। इसका शुभारंभ 31 मार्च को उन्होंने वर्चु्अल किया था। तहसील बनने से 31 गांवों के रहवासियों को सुविधा हुई है। इसके साथ ही इंद्रावती पार के चार ग्राम पंचायतों को भी लाभ मिला है। मुख्यमंत्री ने यहां वनाधिकार पत्र का वितरण किया। उन्होंने तहसील कार्यालय में पौधा रोपा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बत्तीसा मंदिर के दर्शन भी किये। पुजारियों ने तेरहवी शताब्दी के इस मंदिर की विशेषता बताई।
कौरगांव में तीस बिस्तर अस्पताल मुख्यमंत्री ने इंद्रावती पार ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए कौरगांव में 30 बिस्तर अस्पताल की घोषणा की। साथ ही बड़े तुमनार को उप तहसील बनाने, कुण्डेनार में एनीकट एवं रिटेनिंग वाल, दुगेली में एनीकट के निर्माण के साथ ही हायर सेकेंडरी स्कूल दंतेवाड़ा के नवीन भवन निर्माण, दंतेवाड़ा शहर में महिला थाना खोलने, दंतेवाड़ा हाई स्कूल मैदान के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण, चेरपाल में हाटबाजार की घोषणा करते मुख्यमंत्री ने कहा कि बारसूर के पर्यटन स्थल बूढ़ा तालाब का सौंदर्यीकरण भी कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री का स्वागत महुआ फूल के हार से
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार की शाम दंतेवाड़ा के मेंडका डोबरा मैदान में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में शामिल हुए। उनके आगमन की खुशी में गौर नर्तक दल ने गौर सींग, कौड़ी माला और मेघराज पंख से बना गौर मुकुट पहन, ढोल की थाप और गुजरी-तुड़बुड़ी के स्वरों के साथ मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। जनजातीय आभूषण पहने आदिवासी युवक-युवतियों ने सल्फी, ताड़ और छिंद के पत्तों से बने द्वार पर मुख्यमंत्री का पारम्परिक स्वागत किया। मुख्यमंत्री को महुआ के सूखे फूलों का हार पहनाकर उनका अभिनंदन किया गया। साथ ही सफेद पगड़ी भी पहनाई गई।