बस्तर पुलिस को भी नक्सली नेता हिड़मा के बीमार होने की जानकारी मिली है। तेलंगाना पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हिड़मा के बीमार होने खबरे काफी दिनों से मिल रही थी। इस बीच नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी लीडर रामकृष्णा की अंत्येष्टि में हिड़मा बीमारी की हालत में शामिल हुआ था। इसके बाद उसकी हालत और खराब हो जाने पर उसे इलाज के लिए कही अज्ञात स्थान पर भेजे जाने की जानकारी तेलंगाना पुलिस को मिली है। इसी के बाद तेलंगाना पुलिस ने अपने खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया है ।
आखिरी बार पामेड़ के जंगल में देखा गया था
सूत्रों के मुताबिक हिड़मा पिछले कुछ समय से पामेड़ एरिया में सक्रिय था चिंतावागु नदी के आसपास उसे देखे जाने की सूचना पुलिस को मिली थी । बस्तर में इलाज की बेहतर सुविधाएं न होने के कारण नक्सली अपने इलाज के लिए तेलंगाना और आंध्रप्रदेश पर निर्भर रहते है। नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि उनके कैडर को तेलंगाना पुलिस जबरन सरेंडर करवा रही है।
नक्सलियों के मुताबिक रामन्ना का पुत्र रंजीत, हरिभूषण की पत्नी शारदा और इसके पूर्व नक्सली संगठन का टेक्निकल हेड शोबराय तेलंगाना में इलाज कराने गए थे तो यह तेलांगना पुलिस के एसआईबी के हत्थे चढ़ गए थे जिसके बाद उन्हें जबरन सरेंडर करवा दिया गया। इसीलिए वह तेलंगाना के बजाय आंध्रप्रदेश य सीमावर्ती राज्य ओडिसा-छत्तीसगढ़ में इलाज के लिए जा सकता है। इसलिए सीमावर्ती राज्यो को भी अलर्ट जारी किया गया है।
थ्री लेयर सुरक्षा में रहता है हिड़मा
हिड़मा नक्सली बटालियन का टॉप कमांडर है। वह कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा है। इसलिए वह देशभर की सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर है। नक्सलियों ने उसे थ्री लेयर सुरक्षा दे रखी है। उसके बारे में जो जानकारी है। उसके मुताबिक वह सुकमा जिले के पूवर्ती गांव का निवासी है।