दरअसल बस्तर में माओवादियों के पल-पल के मूवमेंट की निगरानी कर इसकी जानकारी पुलिस तक पहुंचाने वाला इजराईली यूएवी हेरॉन को उसकी खूबियों के चलते जम्मू-कश्मीर के आतंकियों के हर मूवमेंट पर नजर रखने के लिए गृहमंत्रालय का आदेश के बाद भेजा गया था। केंद्र सरकार के धारा ३७० हटाने के फैसले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्रालय ने देशभर के हाइटेक यूएवी को जम्मू-कश्मीर मंगवाया है। इस आदेश के बाद बस्तर में तैनात हेरॉन को अगस्त माह में जम्मू-काश्मीर के लिए रवाना कर दिया गया। इसके साथ एनटीआरओ की टीम ने इसे कश्मीर सुरक्षित पहुचंया था।
यह है हैरॉन यूएवी की खासियत
यह ड्रोन इजराइल में निर्मित हेरोन यूएवी है। मानव रहित विमान की हाइ रिजॉलूशन कैमरे से लैस है जो इसे दूर बैठे व्यक्ति को लाइव तस्वीरें और वीडियो भेज सकता है। इसकी रेंज भी ३५० किमी से अधिक है यानी इसे ३५० किमी से भी अधिक दूरी से संचालित किया जा सकता है। यह यूएवी लगातार 18 घंटे तक उड़ान भरने जैसे कई आधूनिक तकनीक और खासियत से लैस है।
बड़ी घटनाओं के बाद यूएवी का सेंटर बस्तर में किया गया स्थानांतरित
पहले बस्तर के इलाकों में ड्रोन हैदराबाद व भिलाई से उड़ान भरता था, दूरी की अधिकता के चलते माओवादी गतिविधियों की जानकारी सटीक व समय पर नहीं मिल पा रही थी। बस्तर के झीरम, टाहकवाड़ा और बुरकापाल जैसी बड़ी माओवादी वारदात के बाद ड्रोन की उड़ान बस्तर से प्रारंभ करने की बात सीआरपीएफ के उच्चाधिकारियों ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से की थी। जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर बकावंड ब्लॉक के मसगांव में नेशनल टेक्निकल रिसर्च आर्गनाइजेशन एनटीआरओ के वैज्ञानिकों, सीआरपीएफ तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएव्ही) की उड़ान का परीक्षण करने के बाद यहां से इसका संचालन किया जा रहा था। बस्तर से इसका संचालन होने के बाद माओवादी मोर्चे में पुसिल ने यूएव्ही के निशानदेही पर लगातार माओवादियों के लिब्रिटेड जोन में ऑपरेशन लांच किया। इसमें न केवल उन्हें सफलता मिली बल्कि उनका नुकसान भी कम हुआ है।