scriptस्थानीय उत्पादों के संग्रहण व विक्रय के सहारे महिलाएं बना रही अपनी पहचान | Women are making their identity with the help of collection and sale | Patrika News
जगदलपुर

स्थानीय उत्पादों के संग्रहण व विक्रय के सहारे महिलाएं बना रही अपनी पहचान

महिला दिवस: कोदो-कुटकी प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग इकाई कर रही कार्य। महिला समूह के सदस्यों को प्रतिमाह 8 से 10 हजार रूपये की हो रही आमदनी

जगदलपुरMar 08, 2022 / 12:33 am

Kunj Bihari

अपने बनाए गए उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय करने के लिए स्टाल सजाया गया है।

अपने बनाए गए उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय करने के लिए स्टाल सजाया गया है।

नारायणपुर . जिले के ग्राम पालकी में मॉं दन्तेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह की महिलायें कोदो-कुटकी प्रसंस्करण कार्य से जुड़कर अपनी आमदनी में इजाफा कर रही है। इस समूह में 10 महिलायें सक्रिय होकर काम कर रही है। महिलाओं ने बताया कि समूह में जुड़ने के पहले वे कृषि विज्ञान केन्द्र केरलापाल में रोजी-मजदूरी का काम करती थी, जिसमें उन्हें 120 से 150 प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती थी, जो की जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं था। इसके अलावा घर के आवश्यकता की पूर्ति हेतु गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना में भी कार्य कर रही थी। इसी दौरान कोदो, कुटकी रागी प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग इकाई केन्द्र शुरू करने का प्रोत्साहन कृषि विज्ञान केंद्र एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना से मिला। इससे कृषि विज्ञान केंद्र के माघ्यम से प्राप्त प्रशिक्षण एवं कोदो, कुटकी रागी प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग इकाई प्रदाय किया गया। वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना बिहान से प्राप्त आर्थिक सहयोग जैसे बैंक लिंकेज 5 लाख, चक्रिय निधि – 15 हजार प्राप्त है। इस राशि से कोदो, कुटकी रागी प्रसंस्करण कार्य प्रारंभ किया। इस कार्य करने के उपरान्त धीरे-धीरे मां दन्तेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों को अच्छे आमदनी होने लगी। समूह के 3 सदस्य गांव-गांव में जा कर कोदो, कुटकी, रागी किसानों से 35 रूपये की दर से क्रय करने की कार्य करते है। इसको क्रय करने के बाद उसे प्रसंस्करण केन्द्र में प्रसंस्करण कार्य करते है फिर पैकेजिंग करके स्थानीय बाजार, दुकान और बाहरी बाजार में भी थोक एवं चिल्लर विक्रय करते है ।
दो साल से इसका कार्य किया जा रहा है

इससे समूह की महिलाओं द्वारा दो साल से इसका कार्य किया जा रहा है। इस कार्य से अब तक कुल बिक्री 4 लाख 50 हजार की हुई है, जिसमें से शुद्व आय 2 लाख 50 हजार रूपया हुआ है। वही समूह के सदस्यों को प्रतिमाह 8 से 10 हजार रूपये की आय हो जाती हैं। इस कार्य के साथ-साथ आवश्यकता अनुसार रोजगार गांरटी योजना एवं अन्य कार्य भी कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि पहले की अपेक्षा अब उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। बिहान योजनाओं से जुड़ने के बाद मॉं दन्तेश्वरी महिला स्व सहायता समूह की महिलायें खुश हैं। वो कहती है कि इस योजना के माध्यम से ही हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। हमारे बच्चें अब अच्छे स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं और हमारे जीवन स्तर में बदलाव आ रहा है।

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