एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी कांस्टेबल ने बीएड कॉलेज में गड़बडिय़ां चलने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में एक करोड़ रुपए की रिश्वत मांग रहा था। एसीबी के सत्यापन में आरोपी कांस्टेबल ने सौदा 45 लाख रुपए में तय किया और बुधवार को रिश्वत की राशि की पहली किस्त के रूप में 5 लाख रुपए ले रहा था। जबकि पीडि़त कॉलेज मालिक के खिलाफ कोई शिकायत भी दर्ज नहीं थी।
एसीबी आइजी दिनेश एमएन ने बताया कि 10 अक्टूबर को पीडि़त कॉलेज मालिक ने शिकायत की थी। उसमें बताया कि उसकी बीएड कॉलेज में अनियमितताओं और विभिन्न प्रकार के घोटालों की झूठी शिकायत सीआईडी एसएसबी जोन कार्यालय भरतपुर में की गई है, जिसकी जांच चल रही है। उक्त फर्जी शिकायत का हवाला दे कांस्टेबल संजय सिंह डरा-धमका कर एक करोड़ रुपए की रिश्वत मांग कर रहा है। डीजी एसीबी के आदेश पर एएसपी नरोत्तम लाल वर्मा को ट्रेप की जिम्मेदारी सौंपी गई। सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि हो गई थी।
एसीबी टीम को करीब पौन किलोमीटर तक खेतों में भगाया एएसपी नरोत्तम लाल वर्मा ने बताया कि आरोपी कांस्टेबल संजय सिंह को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडऩे जयपुर से टीम भरतपुर पहुंची। यहां पर आरोपी संजय ने पीडि़त कॉलेज मालिक को रिश्वत के 5 लाख रुपए लेकर बुधवार को आगरा रोड पर मिलने बुलाया। आगरा रोड पर पहुंचने पर आरोपी अपनी गाड़ी लेकर पहुंचा और कॉलेज मालिक को अपने साथ बैठा लिया और फिर मुख्य सड़क से अंदर कच्चे रास्ते में होता हुआ एक खेत में ले गया। यहां पर रिश्वत की राशि के रुपए ले लिए। तभी पीछा कर रही एसीबी टीम को पीडि़त ने इशारा कर दिया। एसीबी टीम को देख आरोपी कांस्टेबल खेतों में पैदल भाग गया। कई खेतों में पानी भरा था। गीली मिट्टी में होते हुए करीब एक किलोमीटर तक उसका पीछा किया और उसे घेराबंदी कर पकड़ा गया।