इन विधायकों ने साफ कर दिया है कि उनके क्षेत्र की जनता को भी इस सुविधा की जरूरत है। ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या अन्य सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएं। अब सरकार पसोपेश में है कि इसी तरह विधायकों की मांग आती रही तो उसे किस तरह पूरा किया जाए। स्वायत्त शासन विभाग अब ऐसे निकायों में प्लांट की जरूरत का आकलन भी कर रहा है।
इन विधायकों ने जताई जरूरत
भजनलाल जाटव – वैर, भुसावर
रीटा चौधरी – बिसाऊ, झुंझुनूं
सुरेश मोदी – नीमका थाना
ओमप्रकाश हुडला- महुआ
बिहारीलाल विश्नोई- नोखा
हरिसिंह रावत – देवगढ़
भंवरसिंह भाटी- देशनोक कोलायत
इन्द्रराज गुर्जर- विराटनगर
जे.पी. चंदेलिया – पिलानी
(स्वायत्त शासन विभाग के अनुसार)
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दिक्कत और हकीकत
-स्वायत्त शासन विभाग और नगरीय विकास विभाग ने राज्य में जहां प्लांट लगाने की स्वीकृति दी है, उसका सारा खर्चा स्थानीय निकाय उठाएगा। जबकि, कई निकाय ऐसे भी हैं जो आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि प्लांट निर्माण का खर्चा उठाए।
– ऐसे शहर, इलाकों में प्लांट की जरूरत है भी या नहीं। क्या पड़ोस के शहर या अस्पताल में पहले से प्लांट है या निर्मित होना है।
-कई विधायकों ने कहा है कि यदि निकाय खर्चा नहीं उठा पाते हैं तो उनके विधायक कोष का उपयोग कर लिया जाए।
प्लांट की 2 हजार सिलेंडर तक की होगी क्षमता
सरकार ने तय किया है कि अस्पताल में कम से कम 50 सिलेंडर क्षमता का प्लांट लगाए जाए। इस पर न्यूनतम 55 लाख रुपए खर्च होंगे। इससे ज्यादा क्षमता पर ज्यादा खर्चा आएगा। अभी तक स्वीकृत ऑक्सीजन प्लांट 50 से 2 हजार सिलेंडर क्षमता के हैं। ऐसे 59 प्लांट हैं, जिन पर करीब 125 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इनका प्रतिदिन उत्पादन 120 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के बराबर होगा।
‘प्लांट लगेंगे तो स्थानीय लोगों को फायदा’
ऑक्सीजन प्लांट लगेगा तो उसका फायदा स्थानीय लोगों को मिलेगा। यदि निकाय इसका पूरा खर्चा नहीं उठा पाए तो विधायक कोष से राशि लेने के लिए कहा है।
-भजनलाल जाटव, मंत्री
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यूडीएच मंत्री को प्लांट लगाने के लिए कहा है। निकाय स्तर पर या विधायक कोष से, किसी भी तरह प्लांट लगाया जा सकता है। मैंने हमारे क्षेत्र की जरूरत बता दी है।
-सुरेश मोदी, विधायक
इनका कहना है
कई मंत्री-विधायकों के पत्र आ रहे हैं, उनसे बातचीत भी हुई है। वे चाह रहे हैं कि उनके क्षेत्र में भी ऑक्सीजन प्लांट लगें। संबंधित अफसरों को कहा है इस संबंध में होमवर्क करके बताएं कि किस तरह प्लांट लगाए जा सकते हैं। जिन निकायों के पास प्लांट के लिए अपेक्षित बजट नहीं है, उन्हें सरकार किस तरह सहयोग दे सकती है यह भी देख रहे हैं।
-शांति धारीवाल, स्वायत्त शासन मंत्री