तीन श्रेणी में काम
1. 33केवी सब स्टेशन के 5 किलोमीटर के दायरे में किसानों की जमीन पर 500 से 2 हजार किलोवॉट तक के प्लांट लगाए जा सकेंगे। यह बिजली ग्रिड में पहुंचेगी, जिसका भुगतान सरकार प्लांट संचालनकर्ता को करेगी।
1. 33केवी सब स्टेशन के 5 किलोमीटर के दायरे में किसानों की जमीन पर 500 से 2 हजार किलोवॉट तक के प्लांट लगाए जा सकेंगे। यह बिजली ग्रिड में पहुंचेगी, जिसका भुगतान सरकार प्लांट संचालनकर्ता को करेगी।
2. 7.5 हार्सपॉवर के सोलर पंप लगेंगे। अभी तक 3 हार्सपॉवर क्षमता के पंप लगाए जाते रहे हैं। इसमें भी 30-30 प्रतिशत राशि केन्द्र व राज्य सरकार देगी। बाकी चालीस प्रतिशत का भुगतान को देना होगा।
3. अभी जितने भी हार्सपॉवर के प्लांट लगे हुए हैं, अब इन प्लांट संचालनकर्ता को उसकी क्षमता दोगुना करनी होगी। संचालनकर्ता या तो खुद लगाएगा या फिर किसी विकासकर्ता के माध्यम से लगवा सकेगा। इससे उत्पादित होने वाली बिजली का निर्धारण नेट मीटरिंग से होगा। उपयोग में लेने के बाद बचने वाली बिजली ग्रिड में चली जाएगी।