-गेहूं का उठाव सामान्य की तुलना में तीन गुना भारतीय खाद्य निगम से गेहूं का उठाव सामान्य की तुलना में तीन गुना किया गया। गेहूं का उठाव एक माह में ही किया जा रहा है जबकि पहले इसमें दो माह का समय लगता था। अप्रेल एवं मई 2020 में गेहूं वितरण सामान्य की तुलना में दोगुना किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में लाभार्थियों को दो रुपए प्रति किलो गेहूं देने का प्रावधान है, लेकिन राज्य सरकार ने अन्त्योदय अन्न योजना, बीपीएल, स्टेट बीपीएल श्रेणी के तहत आने वाले परिवारों को एक रुपए प्रति किलो गेहूं उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इस श्रेणी के परिवारों को एक रुपए प्रति किलो गेहूं वितरण पर मार्च 2019 से मार्च 2020 तक 111 करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार की ओर से वहन की गई।
-तीन करोड़ को सूखा राशन…पकी खाद्य सामग्री उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की अवधि में जिला प्रशासन के माध्यम से प्रदेश में तीन करोड़ सात लाख असहाय एवं जरूरतमंदों को सूखा राशन एवं पकी हुई खाद्य सामग्री वितरित की गई। प्रवासी व्यक्ति एवं अन्य विशेष श्रेणी के लोग जो खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में शामिल नहीं हैं, उन्हें आगामी दो माह तक पांच किलो प्रति व्यक्ति गेहूं नि:शुल्क दिया जाएगा। इसके लिए सर्वे करवाकर डेटाबेस तैयार किया जाए, ताकि उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से उन्हें गेहूं वितरित किया जा सके।
-एनएफएसए सूची से अपात्र नाम हटाने के निर्देश उन्होंने कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ऐसे प्रवासियों जिनका नाम एनएफएसए सूची में नहीं है, उन तक पांच किलो प्रति व्यक्ति गेहूं पहुंचाकर उन्हें राहत प्रदान करे और इस कार्य में तेजी लाई जाए। गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) की सूची में जुड़े अपात्र लोगों के नाम हटाकर वास्तविक रूप से हकदार लोगों के नाम इस सूची में जोड़े जाएं। शहरी क्षेत्रों में विशेषकर जयपुर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लोगों की संख्या काफी कम है, अत: पात्र लोगों के नाम शहरी क्षेत्रों में सर्वे कर जोड़े जाएं।
-बाट एवं नाप तौल विभाग को भी सुदृढ़ बनाएं : मीणा इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने बाट एवं नाप तौल विभाग को भी सुदृढ़ बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ई-तुलेमान पोर्टल बनाया गया है ताकि कम नाप-तौल करने वालों का आकस्मिक निरीक्षण कर उन पर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने राशन कार्ड में दर्ज प्रत्येक लाभार्थी का नाम आधार कार्ड से सत्यापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में पात्र होने के बाद भी एनएफएसए की सूची में शामिल नहीं हो पाए गरीबों को जोडऩे के लिए कुछ शिथिलता देने का भी आग्रह किया।