मजदूर के नाम पर जमीन
आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट के अधिकारियों ने बताया कि यह जमीन 2006 में सात अलग-अलग रजिस्टर्ड विक्रय पत्रों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर निवासी श्री राधे के नाम से खरीदी गई थी और समस्त भुगतान नकद में किया गया था, जबकि राधे की आर्थिक स्थिति ऐसी जमीन खरीदने लायक नहीं थी। यूनिट को श्री राधे एक दुकान पर मेहनत मजदूरी करता पाया गया।
आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट के अधिकारियों ने बताया कि यह जमीन 2006 में सात अलग-अलग रजिस्टर्ड विक्रय पत्रों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर निवासी श्री राधे के नाम से खरीदी गई थी और समस्त भुगतान नकद में किया गया था, जबकि राधे की आर्थिक स्थिति ऐसी जमीन खरीदने लायक नहीं थी। यूनिट को श्री राधे एक दुकान पर मेहनत मजदूरी करता पाया गया।
जांच के बाद आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट ने इन जमीनों को बेनामी प्रॉपर्टी मानते हुए इन्हे अनंतिम रूप से अटैच कर दिया है, ताकि इन जमीनों का असली मालिक इन्हें खुर्द बुर्द नहीं कर सके। अब आयकर विभाग की बेनामी निषेध यूनिट आगे जांच करेगी और इन जमीनों के असली मालिक का पता लगाने का प्रयास करेगी। ताकि उसे बेनामी संपत्ति संव्यवहार निषेध अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत दण्डित किया जा सके। विभाग यह जांच भी करेगा कि श्री राधे की अनुपस्थिति में कैसे इतनी सारी रजिस्ट्रियां उसके नाम से हो गई, कैसे इन जमीनों के नामांतरण उसके नाम से खोल दिए गए और कैसे इनके रूपांतरण के लिए प्रार्थना पत्र भी अजमेर विकास प्राधिकरण में लगा दिया गया।
अब तक 215 संपत्तिया अटैच
इन अटैचमेंट्स के बाद आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध इकाई अब तक कुल 215 बेनामी संपत्तियां अटैच कर चुकी है। इन अटैचमेंट्स के बाद आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध इकाई अब तक कुल 215 बेनामी प्रोपर्टियां अटैच कर चुकी है जिनका मूल्य करीब ९५० करोड़ रुपए है जबकि बाजार मूल्य तो और भी अधिक है।
इन अटैचमेंट्स के बाद आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध इकाई अब तक कुल 215 बेनामी संपत्तियां अटैच कर चुकी है। इन अटैचमेंट्स के बाद आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध इकाई अब तक कुल 215 बेनामी प्रोपर्टियां अटैच कर चुकी है जिनका मूल्य करीब ९५० करोड़ रुपए है जबकि बाजार मूल्य तो और भी अधिक है।