न मंजूरी, न किश्त गईं योजना के तहत सबसे पहले लाभार्थी की स्वीकृति जारी होती है। इसके बाद तीन किश्तों में 1.20 लाख रुपए की सहायता दी जाती है। समीक्षा में सामने आया कि पिछले वर्ष के 4.50 लाख लक्ष्यों में से 22432 की मंजूरी जारी नहीं हुई, जबकि करीब 34 हजार मामलों में कोई भी एक किश्त जारी नहीं हुई है।
13 लाख का डेटा तैयार इधर, महकमे ने 13 लाख से अधिक उन लाभार्थियों का आधार डेटा तैयार कर लिया है, जो पात्रता रखने के वाबजूद योजना की स्थायी वरीयता सूची में आने से रह गए थे। 16 लाख में से अब तीन लाख ऐसे और परिवार शेष रह गए हैं। सरकार इनको आगामी वर्षों में लाभ देने के लिए वरीयता सूची में शामिल करेगी।