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जयपुर

पशुओं के इलाज के लिए होना पड़ता है परेशान, 2306 ग्राम पंचायतों में नहीं चिकित्सा केन्द्र

पशुओं के इलाज के लिए होना पड़ता है परेशान, 2306 ग्राम पंचायतों में नहीं चिकित्सा केन्द्र…

जयपुरMar 21, 2018 / 05:15 pm

Ashish Sharma

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जयपुर
राजस्थान में सरकार ने भले ही राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में पशुओं के उपचार के लिए पशु उपचार केन्द्र स्थापित करने की घोषणा कर रखी है लेकिन अभी भी राज्य की करीब 23 फीसदी ग्राम पंचायतों में बेजुबान पशुओं के इलाज के लिए कोई सरकारी उपचार केन्द्र नहीं है। हालात यह हैं कि आज भी गांवों में ग्रामीणों को अपने दुधारू और पालतु पशुओं के उपचार के लिए दूसरे गांवों का रूख करना पड़ता है। हालांकि सरकार ने बजट में चरणबद्ध रुप से सभी ग्राम पंचायतों में पशुओं के उपचार के लिए पशु चिकित्सा संस्थाएं शुरू करने की घोषणा कर रखी है। इस घोषणा के तहत नए पशु उपचार केन्द्र भी शुरू किए गए हैं लेकिन इसके बावजूद अभी तक सभी ग्राम पंचायतों में पशुओं के उपचार के लिए कोई सरकारी चिकित्सा इकाई उपलब्ध नहीं है। मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में कुल 9891 ग्राम पंचायतों में से अभी तक 2306 ग्राम पंचायतों में पशुओं के उपचार के लिए कोई केन्द्र नहीं है। सभी जिलों में उपचार केन्द्रों की कमी बनी हुई है। सरकारी आकंड़ों के मुताबिक सर्वाधिक बाड़मेर जिले में अभी तक 188, बांसवाड़ा में 113, जयपुर में 88, श्रीगंगानगर में 108, अलवर में 107, भरतपुर में , जोधपुर में 133 और उदयपुर में 171 ग्राम पंचायतों को सरकारी पशुचिकित्सा उपचार केन्द्र शुरू होने का इंतजार है। अन्य जिलों में भी कुछ ऐसी ही हालत है। जबकि 2012 में हुई पशुगणना के मुताबिक राज्य में 5 करोड़ 77 लाख से अधिक पशुधन है।
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यहां नहीं सरकारी पशु चिकित्सा केन्द्र
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक श्रीगंगानगर की 108, हनुमानगढ़ की 38, बीकानेर की 49, चूरू की 37, झुन्झुनू की 26, सीकर की 24, जयपुर की 88, अलवर की 107, भरतपुर की 115, धौलपुर की 63, करौली की 58, दौसा की 43, सवाईमाधोपुर की 50, टोंक की 42, अजमेर की 44, नागौर की 52, कुचामन सिटी की 6, पाली की 75, जोधपुर की 133, जैसलमेर की 50, बाड़मेर की 188, जालौर की 56, सिरोही की 41, उदयपुर की 171, डूंगरपुर की 74, बांसवाड़ा की 113, चित्तौडगढ़ की 97, राजसमंद की 45, भीलवाड़ा की 78, बूंदी की 25, कोटा की 45, बांरा की 58, झालावाड़ की 60, प्रतापगढ़ की 47 ग्राम पंचायत में कोई भी सरकारी पशुचिकित्सा संस्था नहीं है।
राज्य में इतने पशु
केटल 1.83 करोड़
भैंस 1.29 करोड़
भेड़ 90.79 लाख
बकरी 2.16 करोड़
ऊँट 3.25 लाख

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