संदीप का बेटा अनिल (3) बरामदे में खेल रहा था। संदीप और रिश्तेदार बातों में मशगूल हो गए तभी अनिल खेलते-खेलते बाहर चला गया और टैंक में गिर गया। आधा घंटे बाद जब अनिल कहीं नहीं दिखा तो सभी ने तलाश करना शुरू कर दिया। बाहर टैंक में जाकर देखा तो वह उल्टा तैर रहा था। परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया।
बातों में उलझे, खुला था टैंक पुलिस के मुताबिक घरवाले मेहमानों के साथ बातचीत में उलझे हुए थे, तभी बालक खेलते-खेलते बाहर निकल गया और परिसर में बने टैंक में गिर गया। टैंक के ढक्कन लगा हुआ नहीं था। काफी देर बाद परिजनों को बच्चा नहीं दिखा तो उसे खोजा तो वह टैंक में मिला। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बालक का पिता मजदूरी करता है।
सबका लाडला था अनिल परिवार में सभी का लाड़ला था। घर के आंगन में उसकी अठखेलियां देख हर कोई उसके साथ खेलने लग जाता था। लेकिन इस असामयिक हादसे ने परिवार को गहरा सदमा दिया है। उसके भविष्य के लिए अभी से माता-पिता सपने देखने लगे हैं, उन्हें पूरा कर पाते उससे पहले ही वह छोड़ गया। एक छोटी सी लापरवाही ने बच्चे को उनसे दूर कर दिया। टैंक का ढक्कन नहीं लगवा पाना, उनके लिए जिंदगी भर का गम दे गया।
बच्चों का रखें ख्याल अधिकांश घरों में टैंक व पानी से भरी अन्य वस्तुएं रहती है। ऐसे में घर में छोटा बच्चा है तो उसपर नजर जरूर रखें। हो सके तो पानी से भरे बाल्टी, टब और अन्य वस्तुओं को बच्चे की पहुंच से दूर ही रखें। वहीं अगर घर में पानी का टैंक या फिर गड्ढा हो तो उसे ढकवा ही लें, अन्यथा बच्चे कब खेलते-खेलते वहां पहुंच जाए और हादसे का शिकार हो जाए, पता नहीं चलता। अनिल के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।