किराए पर वाहन लेकर सर्वे और नियंत्रण के काम के लिए सरकार ने राज्य योजना में ५ करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
वहीं किसानों को सस्ती दर पर कीटनाशक उपलब्ध करवाने के लिए भी विभाग ने कदम उठाए। जानकारी के मुताबिक किसानों को अनुदान पर कीटनाशक उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसके लिए १० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जिसमें से ३ करोड़ रुपए योजना मद से जबकि ७ करोड़ रुपए एनएफएसएम योजना से खर्च किए जाएंगे। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से १४ करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई है। जिसका सर्वे और नियंत्रण कार्य के लिए किराए पर वाहन लेने और आवश्यक कीटनाशकों के लिए उपयोग लिया जाएगा। आपदा प्रबंधन,सहायता और नागरिक सुरक्षा विभाग की ओर से जिला कलेक्टरों को ५.४५ करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
कीटनाशक रसायनों के उपयोग के समय कार्मिकों और छिड़काव कर रहे व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी किट और ड्रेगन टॉर्च खरीदने के लिए जिलों को २५ लाख रुपए की स्वीकृति जारी की गई है। आरएसीपी के तहत ५३ हजार लीटर कीटनाशक रसायन और ४११ ट्रेक्टर माउंटेड पावर स्प्रेयर जिलों को उपलब्ध करवाए गए हैं।
इसके साथ ही कृषि आयुक्तालय स्तर पर और सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष काम कर रहे हैं। यह कंट्रोल रूम सभी 10 टिड्डी सर्कल कार्यालयों और जोधपुर में स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन एलडब्ल्यूओ में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को जिला प्रभारी बनाया गया है। जो जिले का भ्रमण कर कार्य को सक्रियता से करवा रहे हैं। राज्य में टिड्डी प्रकोप के प्रबंधन के लिए टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर, फरीदाबाद और संबंधित टिड्डी नियंत्रण वृत्त के साथ कृषि विभाग की ओर से मुख्यालय और जिना स्तर उपनिदेशक कृषि की ओर से समन्वय कर काम किया जा रहा है। आपको बता दें कि टिड्डी हमले से प्रदेश का 5 लाख 54 हजार 617 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इसमें से अब तक 4 लाख 25 हजार 933 हेक्टेयर क्षेत्र उपचारित किया जा चुका है।