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जयपुर

प्रदेश में 47.10 प्रतिशत राशनकार्ड जाली

– साल 2018 में प्रदेश में अनुमानित परिवार 1.38 करोड़, सरकार ने बना दिए 2.03 करोड़ राशन कार्ड, 65 लाख राशन कार्ड थे जाली
 

जयपुरMar 07, 2020 / 06:38 pm

Ankit

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जयपुर। परिवार की पहचान ‘राशन कार्डÓ प्रदेश में जाली पाई गई है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार के मार्च 2018 में प्रदेश में 47 प्रतिशत राशनकार्ड जाली या बोगस मौजूद थे। दरअसल, 2018 की जनसंख्या के अनुसार प्रदेश में अनुमानित 1.38 करोड़ राशनकार्ड होने चाहिए थे, लेकिन सरकार ने 2.03 करोड़ राशनकार्ड बना दिए। करीब 65 लाख राशनकार्ड जाली अस्तित्व में थे। इतना ही नहीं, कई खण्ड़ों में तो जनसंख्या के अनुपात में 250 प्रतिशत राशनकार्ड बना दिए गए। रिपोर्ट के अनुसार बड़ी संख्या में परिवारों के पास राशनकार्ड नहीं थे। इसीलिए जाली राशनकार्ड का अनुपात अनुमानित 65 लाख से कहीं अधिक होगा। खास बात यह है कि सरकार ने इन बोगस राशनकार्डों को खत्म करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए।

… और यहां जनसंख्या की तुलना में बनाए 250 प्रतिशत राशनकार्ड
कई जिलों के कुछ खण्डों में तो सरकार ने जनसंख्या की तुलना में 250 प्रतिशत राशनकार्ड बना दिए। बीकानेर शहर में 252.48 प्रतिशत, राजगढ़-चुरू में 238.55, सादुलशहर-श्रीगंगानगर में 258.62, मूंडवा-नागौर में 233.75 व निवाई-टोंक में 282.90 प्रतिशत राशनकार्ड बना दिए गए। खाद्य विभाग ने साल 2016 में एक अभियान चलाकर पाया कि प्रदेश में लगभग 39.32 प्रतिशत राशनकार्ड जाली थे। इनमें सात जिलों में यह आंकड़ा 50 प्रतिशत से अधिक था। झालावाड़ में 51.85 प्रतिशत, धौलपुर में 55.30 प्रतिशत, अजमेर में 58.06 प्रतिशत, चित्तौडगढ़़ में 55.01 प्रतिशत, झुंझुनूं में 51.97 प्रतिशत, श्रीगंगानगर में 51.65 प्रतिशत और सीकर में 50.73 प्रतिशत जाली राशनकार्ड मौजूद थे।

इन जिनों में महज 13 फीसदी राशन बनाए
एक तरफ जहां जनसंख्या की तुलना में 250 प्रतिशत राशनकार्ड बना दिए गए। वहीं, कुछ जिले ऐसे भी थे, जहां केवल 13-15 फीसदी राशनकार्ड ही बनाए गए। कामां-भरतपुर में 13.60 फीसदी, बयाना-भरतपुर में 17.45, गंगापुर-भीलवाड़ा में 16.38, केशोरायपाटन-बूंदी में 12.38, टोडाभीम-करौली में 12.31 व माधोपुर-सीकर में 14.49 फीसदी ही राशनकार्ड जारी किए गए।

सरकार ने रद्द किए केवल 14.83 लाख डुप्लीकेट राशनकार्ड
रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने इन फर्जी राशनकार्डों को खत्म करने के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं उठाए। साल 2014-18 के दौरान एनआइसी ने पेनकार्ड-आधार कार्ड आदि से मिलान कर 14.83 लाख फर्जी राशनकार्ड चिह्नित किए। तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव ने जाली राशनकार्ड के बारे में चिंता भी व्यक्त की। साल 2016 में एनआइसी की ओर से चिह्नित 14.83 लाख डुप्लीकेट राशनकार्ड को रद्द करने के सिवाए कोई विशेष अभियान नहीं चलाया गया।

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