इन जिनों में महज 13 फीसदी राशन बनाए
एक तरफ जहां जनसंख्या की तुलना में 250 प्रतिशत राशनकार्ड बना दिए गए। वहीं, कुछ जिले ऐसे भी थे, जहां केवल 13-15 फीसदी राशनकार्ड ही बनाए गए। कामां-भरतपुर में 13.60 फीसदी, बयाना-भरतपुर में 17.45, गंगापुर-भीलवाड़ा में 16.38, केशोरायपाटन-बूंदी में 12.38, टोडाभीम-करौली में 12.31 व माधोपुर-सीकर में 14.49 फीसदी ही राशनकार्ड जारी किए गए।
सरकार ने रद्द किए केवल 14.83 लाख डुप्लीकेट राशनकार्ड
रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने इन फर्जी राशनकार्डों को खत्म करने के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं उठाए। साल 2014-18 के दौरान एनआइसी ने पेनकार्ड-आधार कार्ड आदि से मिलान कर 14.83 लाख फर्जी राशनकार्ड चिह्नित किए। तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव ने जाली राशनकार्ड के बारे में चिंता भी व्यक्त की। साल 2016 में एनआइसी की ओर से चिह्नित 14.83 लाख डुप्लीकेट राशनकार्ड को रद्द करने के सिवाए कोई विशेष अभियान नहीं चलाया गया।