गौरतलब है कि झोटवाड़ा निवासी राजवीर सिंह से धोखाधड़ी के एक केस में आरोपी को गिरफ्तार करने और दूसरे केस में उसे रिहाई दिलाने की एवज में करीब ढाई लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई। एसीबी ने 13 फरवरी 2019 को रिश्वत के एक लाख रुपए अग्रिम लेते हुए रीडर बत्तू खां और दलाल सुमंत को गिरफ्तार किया गया। जबकि मामले में तत्कालीन झोटवाड़ा एसीपी आस मोहम्मद, झोटवाड़ा थाने के तत्कालीन एसएचओ प्रदीप चारण और एएसआई रामलाल फरार हो गए थे। तभी से तीनों आरोपियों की एसीबी को तलाश थी। अब एसीबी एसएचओ और एएसआई को तलाश रही है।
कई मामलों में लगाई एफआर पुलिस ने बताया कि झोटवाड़ा सर्कल में घूसकांड उजागर होने के बाद जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने आस मोहम्मद द्वारा अनुसंधान की गई 268 फाइलों की स्कूटनी की। तो चौकान्ने वाली बात सामने आई। आरोपी आस मोहम्मद ने करीब 88 आपराधिक मामलों में गलत अनुसंधान करके एक पक्ष का फायदा पहुंचाया है। आस मोहम्मद ने मिलीभगत करके इन मामलों में या तो बिना साक्ष्यों के ही लोगों को आरोपी मान लिया या फिर प्रकरण में एफआर लगाकर मामले को निपटा दिया।
अभी एसीबी के टारगेट पर ये एसीबी को घूसकांड के अलग-अलग मामलों में करीब 8 पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की तलाश है। इनमें सीबीआई के निरीक्षक भी शामिल है। जबकि मनोहपुर थाना के तीन पुलिसकर्मियों की भी एसीबी को तलाश है। हालांकि एसीबी को स्थानीय पुलिस का सहयोग नहीं मिलने के कारण ये आरोपी फरारी काट रहे हैं।