दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त प्रेमसिंह मेहरा ने राज्य की नवगठित 6 नगर निगमों जयपुर ग्रेटर, जयपुर हेरिटेज, कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, जोधपुर उत्तर और जोधपुर दक्षिण के लिए 12 मार्च को चुनाव कार्यक्रम जारी किया था। आयोग ने चुनाव कराने की पूरी तैयारी कर ली है। आयोग की इन तैयारियों के बीच चीन से निकलकर वैश्विक स्तर पर सनसनी फैलाने वाले कोरोना वायरस कोविड—19 के चलते यह अटकलें लगाई जा रही थी कि नगर निगम के चुनाव तय समय पर नहीं हो पाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीखों को आगे के लिए टाल सकता है। लेकिन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि अभी घोषित चुनाव कार्यक्रम यथावत है।
कलेक्टर ने सरकार से किया अनुरोध
राज्य सरकार के दो मंत्रियों समेत पांच विधायकों ने नगर निगम के चुनाव टालने की सरकार से मांग की है। इसके अलावा जयपुर, जोधपुर और कोटा के जिला कलेक्टर ने भी मुख्य सचिव को पत्र लिखकर चुनाव की तारीखें आगे किस करने की मांग की है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री गहलोत स्तर पर चुनाव की तारीखों में बदलाव के लिए चुनाव आयोग से आग्रह करने या न्यायालय में जाने संबंधी का कोई स्पष्ट रूख सामने नहीं आया है। आपको बता दें कि सरकार जनहित में आयोग से अनुरोध कर सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग एक सवैधानिक संस्था है और इसका मुख्य काम चुनाव करवाना है। आयोग अपनी सुविधा के अनुसार ही चुनाव संपन्न करवाता है। राज्य सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। इतना जरूर है राष्ट्रीय आपदा, आपातकाल या महामारी की स्थिति में सरकार जनहित में कदम उठाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव की तारीखें कम करने या बढ़ाने का अनुरोध कर सकती है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक अभी तक इस तरह की कोई पहल मुख्यमंत्री स्तर पर नहीं होने की जानकारी सामने आ रही है। आयोग के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि हमारा काम चुनाव करवाना है और हम हमारे निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही चुनाव करवाएंगे।