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जयपुर

बीआरटीएस कॉरिडोर में बनने थे 7 स्वचालित फुटओवर ब्रिज…लेकिन नहीं बनाए

#BRTSCorridor

जयपुरJan 20, 2020 / 12:15 pm

Bhavnesh Gupta

बीआरटीएस कॉरिडोर में बनने थे 7 स्वचालित फुटओवर ब्रिज...लेकिन नहीं बनाए

बीआरटीएस कॉरिडोर में बनने थे 7 स्वचालित फुटओवर ब्रिज…लेकिन नहीं बनाए

जयपुर। शहरी परिवहन नीति के तहत सड़क पर चलने का पहला अधिकार राहगीर का है, लेकिन नौकरशाह अब भी यह मानने को तैयार नहीं है। इसी कारण शहर में इसके विपरीत सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है, जहां राहगीरों के चलते के लिए जगह नहीं है। ऐसे हालात के बाद सरकार की नजर राहगीरों पर टिकी। इनकी राह सुगम बनाने के लिए शहर में 9 जगह स्वचालित फुटओवर ब्रिज (एफओबी) बनाना तय हुआ। इनमें 7 जगह बीआरटीएस कॉरिडोर और 2 गोपालपुरा बायपास पर जगह चिन्हित भी कर ली गई लेकिन नौकरशाह इसे टरकाते गए और अब फाइलों में बंद कर दिया गया। जबकि, तत्कालीन नगरीय विकास मंत्री ने इसकी जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी थी। निगम को इसका निर्माण बीओटी (बिल्ट-आॅपरेट-ट्रांसफर) आधार पर कराना था, जिसके लिए निविदा प्रक्रिया तक शुरू कर दी गई। सरकार बदलने के बाद यह मामला अधर में लटक गया। इसका साइड इफेक्ट यह है कि बीआरटीएस कॉरिडोर में सड़क दुर्घटना के आंकड़े बढ़ते गए। स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल की शुक्रवार को हुई बैठक में भी कॉरिडोर में हुई दुर्घटनाओं का मामला गरमाया रहा। खुद परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने दावा किया कि राजधानी में वर्ष 2018 में सड़क दुर्घटना में 1271 मौत हुई। इनमें से 70 फीसदी मौत बीआरटीएस कॉरिडोर के कारण हुई है।
यहां प्रस्तावित है एफओबी…
सीकर रोड – 3 (ढहर के बालाजी, श्मशान के सामने व सिनेमा हॉल के पास)
अजमेर रोड – 1 (असोपा अस्पताल के सामने)
न्यू सांगानेर रोड – 3 (मुहाना मण्डी चौराहा, धन्वंतरी अस्पताल के सामने, पत्रकार आवासीय योजना चौराहे के पास)
गोपालपुरा बायपास – 2 (रिदिृध-सिदिृध चौराहा व एक अन्य जगह)
खत्म नहीं, बल्कि सुरक्षित बनेगा बीआरटीएस
मंत्री ने साफ कर दिया है कि बीआरटीएस कॉरिडोर का उपयोगी बनाया जाएगा, यह किसी भी सूरत में खत्म नहीं होगा। कारण, यहां हर वर्ष 1 प्रतिशत जनसंख्या बढ़ रही है, जबकि सड़कों पर वाहनों के दबाव में 10 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में इस तरह के प्रोजेक्ट की जरूरत बढ़ती जा रही हैं। कृपलानी ने जेसीटीएसएल को इन रूट पर बसों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा। वहीं, जेडीए को रेलिंग, लाइट व अन्य क्षतिग्रस्त हिस्सों को सही करने, जेब्रा क्रॉसिंग का सही उपयोग कराने पर काम करने के लिए कहा। जेसीटीएसएल की अभी 376 बसें संचालित हो रही हैं।

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