कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारी आठवीं-दसवीं पास हैं। इन कर्मचारियों का अंग्रेजी में बात करने का तरीका बिल्कुल अमरीकन जैसा ही था। इन्होंने अंग्रेजी में बात करने की ट्रेनिंग ली थी, जिससे अमरीकन भी झांसे में आ गए। एडिशनल कमिश्नर संतोष चालके ने बताया कि इंटेलीजेंस से सूचना मिली थी कि जवाहर सर्किल में एनडब्ल्यूआर के पास एसके टॉवर की तीसरी मंजिल और चित्रकूट में इंद्रपस्थ कॉलोनी में एक फ्लैट में कॉल सेंटर चल रहा है। टीम ने दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपी सिरोह, गुजरात, यूपी, नागालैंड, इंदौर, मध्यप्रदेश, उज्जैन के रहने वाले हैं।
इस तरह करते हैं ठगी: टैक्स जमा नहीं करने पर देते गिरफ्तारी वारंट निकालने की धमकी जवाहर सर्किल थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपी पहले 30 डॉलर में 10 हजार अमरीका के लोगों का डाटा खरीदते थे। डाटा मिलने के बाद उन्हें मोबाइल पर वॉयस मेल भेजते थे। यदि कोई वॉयस मेल के झांसे में फंसकर कॉल करता था तो उन्हें लोन की ऑफर करते थे या इंटरनेशनल रेवेन्यू सर्विस के अधिकारी बनकर टैक्स जमा नहीं कराने पर गिरफ्तारी वारंट निकलने की धमकी देते थे। लोन की कुछ प्रतिशत अमाउंट जमा करवाने को कहते थे। यह अमाउंट उन्हें वेस्टर्न यूनियन, आइ ट्यून, गिफ्ट कार्ड, मनीग्राम वॉलमार्ट कार्ड खरीदकर रुपए देने की बात कहते। खरीदे गए कार्ड को स्क्रेच करवाकर उनका कोड नंबर पूछ लेते थे। कार्ड के कोड से पीडि़त से लिंक भेज देते थे। लिंक से ठग हवाला और बिटकॉइन के जरिए रुपए हड़पते थे।
कर्मचारियों का वेतन आठ-दस हजार रुपए मासिक जवाहर सर्किल इलाके से पकड़े गए गिरोह का सरगना आबू रोड निवासी वैभव पारीक है। सरगना ने 1.50 लाख रुपए मासिक किराए पर फ्लैट ले रखा था। तीन महीने से कॉल सेंटर चल रहा था। वैभव खुद बीटेक कर चुका है और उसने आठवी-दसवीं पास कर्मचारियों को कॉल सेंटर में नौकरी दे रखी थी। वह कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों को आठ से दस हजार रुपए मासिक वेतन देता था।
कॉल सेंटर से बाहर नहीं जाने देता था सरगना चित्रकूट थाना इलाके के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में पकड़े गए पांच आरोपियों में एक युवती भी शामिल हैं। गिरोह का मुख्य सरगना सीकर निवासी मदीप सिंह जोधा फरार है। आरोपी सोशल सिक्योरिटी नंबर बंद करने के धमकी देकर विदेशियों से रुपए हड़पते थे। एसीपी वैशाली नगर रायसिंह बेनीवाल ने बताया कि मदीप पिछले आठ महीने से कॉल सेंटर संचालित कर रहा था। वह अपने कर्मचारियों को 25 हजार रुपए वेतन देता था। फ्लैट में ही कर्मचारियों को रखता था। कर्मचारियों को बाहर नहीं जाने देता था। मुख्य सरगना रोजाना यूएस के नए नंबर्स से अमरीका के लोगों को वॉयस मैसेज डलवाता था।
कोई क्रिश बनकर तो कोई क्रिस्टिना बनकर करते थे कॉल एसीपी वैशाली नगर रायसिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी विदेश में अलग-अलग नामों से फोन करते थे। शुभम जोशी मीलर, यज्ञराज क्षत्रीय एंड्रयू, चिराग पटेल जेम्स, दीपक कुमार क्रिश और पूजा क्रिस्टिना बनकर विदेशियों से बात करती थी। उन्होंने बताया कि पूजा और शुभम के पिछले पांच साल से प्रेम संबंध हैं। मुख्य सरगना मदीप ने अपने कर्मचारियों को विदेशियों से बात करने के लिए 15 दिन की ट्रेनिंग दी थी।
एक हजार लोगों को फंसाने का मिलता था टारगेट एडिशनल कमिश्नर संतोष चालके ने बताया कि कॉल सेंटरों में शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक आरोपी कॉलिंग करते थे। इस पर उन्हें एक हजार लोगों को फंसाने का टारगेट मिलता था।
दोनों कॉल सेटरों से ये गिरफ्तार वैभव पारीक, भरत कलवानी, मुहिम डेविड, नितिन वशिष्ठ, शुभम मंडल, सूरज राजपूत, मिंटू चंदन लाहा, टेंगरिक संगमा, दर्शन शाह, रोशन राज, लियो मार्क, मोनिल प्रफुलभाई माधु, तन्मय त्रिवेदी अयान डेविड, सागर हीरालाल कोष्टी, पार्थ राजेश मेहता, महादेमो, प्रतीक जाघव, सुरोजित पातरो, शुभम जोशी, यज्ञराज क्षत्रीय, चिराग पटेल, दीपक कुमार और पूजा।