scriptनवजात को चिठ्ठी के साथ छोड़ा, लिखा बच्चे को लावारिस छोडऩा हमारी मजबूरी हैं भगवान हमें माफ करना | a newborn baby left abandoned at baby house in jaipur | Patrika News
जयपुर

नवजात को चिठ्ठी के साथ छोड़ा, लिखा बच्चे को लावारिस छोडऩा हमारी मजबूरी हैं भगवान हमें माफ करना

सामाजिक बहिष्कार के डर से उठाया कदम

जयपुरJul 05, 2018 / 11:30 pm

pushpendra shekhawat

jaipur

नवजात को चिठ्ठी के साथ छोड़ा, लिखा बच्चे को लावारिस छोडऩा हमारी मजबूरी हैं भगवान हमें माफ करना

जया गुप्ता / जयपुर. पैदा होते ही कन्याओं को त्यागने का सिलसिला तो पूरी तरह थमा नहीं, अब ट्रांसजेंडर को त्यागने का मामला सामने आया है। नवजात के अंग पूरी तरह विकसित नहीं हुए तो ट्रांसजेंडर समझकर एक दम्पती उसे गांधीनगर स्थित शिशुगृह के पालने में छोड़ गया। फिर स्वास्थ्य जांच में उसे ‘मेल’ लिख दिया गया, जिसे लेकर संशय की स्थिति खड़ी हो गई है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा मेल है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए वापस जांच करनी पड़ेगी।
माता-पिता ने पिछली शनिवार रात को उक्त नवजात को पालने में छोड़ा था। उसके साथ एक पत्र भी छोड़ा जिसमें लिखा है, बच्चे बिल्कुल स्वस्थ है लेकिन सामाजिक बहिष्कार का डर है। इसलिए इसे पालने में छोड़ रहे हैं। हमें पता है कि उसका यहां अच्छी तरह पालन-पोषण होगा। बच्चे को लावारिस छोडऩे का हमें मानसिक आघात लगा है लेकिन इसे छोडऩा हमारी मजबूरी है। इसके लिए हम भगवान और आपसे माफी मांगते हैं। इधर शिशुगृह के कर्मचारियों ने जेके लॉन अस्पताल में नवजात की स्वास्थ्य जांच कराई। उसे गुरुवार को अस्पताल से शिशुगृह लाया गया लेकिन डिस्चार्ज टिकट में नवजात को ‘मेल’ लिखा गया है। इसे लेकर राजस्थान पत्रिका ने सवाल किया तो डॉक्टरों की सांसें फूल गईं। डॉक्टरों ने कहा, हमने तो नवजात के इंफेक्शन का इलाज किया है। नवजात के सेक्स के बारे में पुष्टि करनी है तो जांच वापस करनी पड़ेगी।

सरकार दे चुकी है मान्यता
केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर को समाज के तीसरे वर्ग के रूप में मान्यता दी है। जन्म प्रमाण पत्र से आवेदनों तक सभी प्रपत्रों में स्त्री-पुरुष की तरह अन्य का भी विकल्प होता है। इसके बावजूद सामाजिक बहिष्कार से डर से नवजात को त्यागना सवाल खड़े कर रहा है।

बच्चा आया उसी दिन अस्पताल में भर्ती करा दिया था। उसके डिस्चार्ज टिकट पर डॉक्टरों ने ‘मेल’ लिखा है।

किरण पंवार, अधीक्षक, शिशुगृह, गांधीनगर

बच्चे को संक्रमण था, हमने इलाज कर दिया। नवजात के सेक्स के बारे में हमसे शिकायत ही नहीं की गई थी। इसके लिए तो फिर से रिव्यू करना होगा। दोबारा जांच के बाद ही बता सकते हैं कि लड़का है या लड़की।
डॉ अशोक गुप्ता, अधीक्षक, जेकेलॉन अस्पताल

Home / Jaipur / नवजात को चिठ्ठी के साथ छोड़ा, लिखा बच्चे को लावारिस छोडऩा हमारी मजबूरी हैं भगवान हमें माफ करना

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो