एसीबी के आइजी दिनेश एमएन ( IPS Dinesh MN ) ने बताया कि एएसपी देशराज के नेतृत्व में और उप अधीक्षक सालेह मोहम्मद व सीआई मांगीलाल यादव की 15 सदस्यों की टीम ने यह सफलता हासिल की। एएसपी देशराज ने बताया कि फरियादी ने फरवरी में एसीबी जयपुर में शिकायत की थी, उसने बताया कि झुंझुनूं में उसकी जमीन है। उक्त जमीन पर प्लाटिंग करने के बदले में कमिश्नर विजयपाल सिंह और पार्षद मनोज 8 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। बाद में मामला 4 लाख रुपए में तय किया। इस पर फरवरी में ही एसीबी के सत्यापन में आरोपी पार्षद मनोज 50 हजार रुपए ले चुका था। फिर 10 हजार रुपए और ले लिए।
एसीबी की टीम कार्रवाई के लिए यहां पर आई लेकिन फरियादी एक लाख रुपए और देने के लिए आरोपियों को गुहार लगाता रहा। लेकिन आरोपी शेष 3.50 लाख रुपए एक साथ देने की बात पर अड़े रहे। इसके चलते उन्हें ट्रेप नहीं किया जा सका। लेकिन चुनाव और मतगणना होने के बाद भी पीडि़त से एक साथ साढ़े तीन लाख रुपए नहीं होने पर आरोपी एक लाख रुपए लेने को तैयार हो गए। और बाद में शेष रकम देना तय किया।
जमीन निजी, बोर्ड सरकारी का लगाकर फंसाते एसीबी की पड़ताल में सामने आया कि आरोपी निजी जमीन पर भी सरकारी जमीन बताते हुए बोर्ड लगा देते। इसके चलते पीडि़त अपनी जमीन के लिए आरोपियों के यहां चक्कर लगाते हैं। कमिश्नर विजयपाल आने वाले फरियादियों को पार्षद मनोज से मिलने की सलाह देता है। साथ में कहता है कि मनोज सब सेटलमेंट कर देगा। फिर मनोज रिश्वत की राशि के लिए सौदेबाजी करता है।