आग के पास तक नहीं जा पाए लोग: चंपापुरा निवासी सीएलजी सदस्य सतपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि बोलेरो कर में लगी आग इतनी भीषण थी कि आस पास दूर खड़े किसी भी व्यक्ति की पास जाने की हिम्मत नहीं हुई। गौरतलब है कि जिस कार में आग लगी उसकी ड्राइविंग राहुल चौधरी खुद ही कर रहा था। पुलिस का कहना है कि अचानक कर में आग लगने के बाद राहुल ने कार को सड़क के किनारे पर उतार तो लिया लेकिन कार के गेट व आगे का शीशा नहीं टूटने से वह बाहर नहीं निकल सका और उसकी जिंदा जलने से दर्दनाक मौत हो गई। आग लगने से वाहनों की लंबी कतार लग गई। यातायात पुलिस ने जाम हटवाया।
एसी में शार्ट सर्किट से लगी कार में आग
कार में लगी भीषण आग के कारणों का प्रथम दृष्टया यह पता चला है कि कार में आगे डेस्क बोर्ड के पास एसी में शार्ट सर्किट से आग लगी। एएसआई रामावतार सिंह ने बताया कि कार में डेस्क बोर्ड के पास एसी में लगी आग वायरिंग से कार के पीछे तक पहुंच गई और डीजल टैंक के पाइप को छू गई। जिससे आग ने कुछ ही सैकंड में कार को अपनी जद में ले लिया। जिस बोलेरो कार में आग लगी वह मृतक राहुल चौधरी के ससुर गणपत राम के नाम थी।
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बेसुध हुए परिजन गांव में किया अंतिम संस्कार
शव का देर शाम को नागौर जिले के निमोद गांव में अंतिम संस्कार किया गया। अपने इकलौते पुत्र की मौत के पश्चात माता-पिता बहने एवं पत्नी बेसुध हो गए। स्थानीय एवं आसपास के लोगों ने परिजनों को ढांढस बंधाया।
पत्नी को अस्पताल छोड़ कर आया था
पुलिस को परिजनों ने बताया कि राहुल सुबह अपनी पत्नी को निजी अस्पताल में छोड़कर बोलेरो कार लेकर कालवाड की तरफ आ रहा था। इसी बीच चंपापुरा के पास कार में आग लग गई जिससे उसकी मौत हो गई। मूलत: निमोद जिला नागौर निवासी मृतक राहुल चौधरी अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था और उसकी दो बड़ी बहन है। वह सरकारी सेवा में उपभोक्ता मामले के विभाग में लेखा अधिकारी के रूप में कार्यरत था, शादी के बाद अभी तक उसके कोई संतान नहीं थी। राहुल की दो बहनों की शादी हो चुकी है व दोनों ही अमेरिका में रहती थी। राहुल की वर्ष 2015 में शादी हुई थी। हादसे में जलने वाली बोलेरो भी उसे शादी में गिफ्ट के रूप में मिली थी। राहुल के पिता गोपाल चौधरी रेलवे में सीटीआई के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी थे।
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पुलिस ने दिखाई हिम्मत
कार से शव निकालने में काफी परेशानी हुई। थानाधिकारी धर्मसिंह, एएसआई रामावतार सिंह, विजय पूनिया, हैड कांस्टेबल मोहनलाल, कुंदन सिंह, कांस्टेबल हीरालाल, सीएलजी सदस्य सत्यवीर, सतपाल सिंह राठौड़ आदि ने शव बाहर निकाला