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जयपुर

सरकार के हाथी के दांत! दिखावे के तौर पर निलंबन की कार्रवाई

गरीब के गेहूं पर डाका मारने पर सरकार ने कई अफसरों पर गाज गिरा दी।

जयपुरOct 12, 2017 / 04:59 pm

rajesh walia

Action Against Corruption

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जयपुर।

सरकार की कार्यशैली भ्रष्टाचार व सरकारी कार्यों में लिप्त अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर होती है। पिछले चार साल से इस तरह का सिलसिला चल रहा है। हाल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीब के गेहूं पर डाका मारने पर सरकार ने कई अफसरों पर गाज गिरा दी। इसके लपेटे में एक आईएएस और आरएएस अफसर भी आ गए।
सरकार पहले भी इस तरह से कार्रवाई करती रही है, लेकिन अफसरों का अधिक कुछ बिगड़ता नहीं है। ताजा उदाहरण आईएएस अशोक सिंघवी का है। करोड़ों के खान घोटाले के आरोप लगने पर सरकार ने उन्हें 17 सितम्बर 2015 को निलंबित किया। करीब दो वर्ष बाद सरकार ने नियमों का हवाला देते हुए गत 4 अगस्त उन्हें फिर से बहाल कर दिया।
सरकार की जांच अत्यंत धीमी गति से चल रही है। ऐसे में सिंघवी व अन्य आरोपितों को इसका लाभ मिल रहा है। इसी तरह का एक ओर मामला है, एनआरएचएम घोटाला। इसमें आईएएस नीरज पवन को आरोपित बनाया गया और उन्हें 2 जून 2016 को निलंबित किया गया। मजेदार बात यह है कि राज्य सरकार ने पवन पर अभियोजन चलाने की अनुशंसा केन्द्र को कर दी, लेकिन केन्द्र करीब पांच माह से इसका परीक्षण करा रहा है। जबकि सामान्यतया तीन माह में केन्द्र को निर्णय लेना पड़ता है।
इसके अलावा अजमेर पुलिस का चर्चित घूसकांड के अधिकांश आरोपित अफसर बहाल हो चुके हैं। बीकानेर दक्षिण में एसडीएम रहते हुए आरएएस अशोक कुमार यादव को भ्रष्टाचार के मामले में कार्मिक विभाग ने 19 मार्च 2005 को निलंबित किया था। करीब आठ साल तक चले प्रकरण के बाद न्यायालय ने 21 मई 2013 को उन्हें भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया और दो वर्ष तथा दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
इसके बाद राज्य सरकार ने 27 नवम्बर 2014 को उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा जैसलमेर के पोकरण में एसडीएम रहते हुए आरएएस रतन विश्नोई को 10 मार्च 2007 को एसीबी ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। 16 मार्च 2007 को उन्हें निलंबित किया गया, जबकि न्यायालय ने 30 अक्टूबर 2013 को उïन्हें दोषी करार देते हुए एक वर्ष की सजा सुनाई।
इस पर सरकार ने 11 नवम्बर 2014 को उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया। आईएएस निलंबन बीबी मोहन्ती 4 फरवरी 2014, लालचंद असवाल 29 सितम्बर 2014, अशोक सिंघवी 17 सितम्बर 2015, नीरज पवन 2 जून 2016, निर्मला मीना 11 अक्टूबर 2017 (इनमें से अशोक सिंघवी बहाल हो चुके हैं)

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