राठौड़ ने कहा कि सरकार स्तर पर कोयला नहीं मिलने की वजह से अडाणी पावर ने इंडोनेशिया से कोयला आयात कर उत्पादन किया था। मार्च 2021 में कंपनी ने 5637 करोड़ रुपए का क्लेम राजस्थान ऊर्जा विकास निगम पर किया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था। अडाणी की ओर से क्लेम की गई राशि लौटाने के लिए सरकार ने पिछले 36 महीने में सरकार ने प्रदेश के 1.52 करोड़ उपभोक्ताओं से 5 पैसे प्रति यूनिट की दर से वसूली की थी।
राठौड़ ने कहा कि अब साफ हो गया है कि तत्कालीन अधिकारियों मिलीभगत की वजह से यह सारा घटनाक्रम हुआ है और अडाणी समूह का क्लेम खारिज हो गया है। इसलिए मुझे आशा है कि जनता से जजिया कर की तरह वसूल की गई करीब 2627 करोड़ रुपए की राशि का पुनर्भरण सरकार बिजली के बिलों में करेगी। साथ ही अडाणी से मिलीभगत कर षड्यंत्र रचने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी।