न्यायालय ने सोसायटी को एक बार और सुनने का मौका देते हुए कहा कि पक्ष सुनने के बाद केन्द्रीय रजिस्ट्रार ने फिर आदेश जारी किए। इस पर केन्द्रीय रजिस्ट्रार विवेक अग्रवाल ने सोसायटी को कई बार नोटिस जारी किए, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इस पर दुबारा अवसायन का आदेश देकर गुजरात के पूर्व आइएएस अधिकारी एच.एस.पटेल को अवसायक नियुक्त किया है।
ऋण लेने वालों से करनी होगी वसूली अवसायक को पहले सोसायटी से ऋण लेने वालों से वसूली करनी होगी। हालांकि यह मुश्किल होगा, क्योंकि रिपोर्ट में स्पष्ट है कि सोसायटी ने 180 कम्पनियों को 12 हजार करोड़ से अधिक के लोन दिए हैं। इनमें से 122 कम्पनियों को सोसायटी के संचालक खुद मुकेश मोदी व उसके रिश्तेदारों के नाम से ही है। ये कम्पनियां कागजों में ही चल रही थी। इसके अलावा अधिकतर लोन बिना किसी जमा अमानत के ही जारी किए गए। ऐसे 95 प्रतिशत लोन हैं, जिनसे वसूली करना अवसायक के लिए चुनौती होगी। रिकवरी के बाद तय होगा कि निवेशकों के नुकसान भरपाई किस तरह होगी।