लाभ, अमृत का चौघडिय़ा सुबह 6.29 से 9.31 तक, शुभ का चौघडिय़ा 11.02 से 12.09 तक रहेगा।
दोपहर के अभिजीत मुहूर्त 12.09 से 12.52 के दौरान पूजन नहीं किया जा सकेगा।
किस दिन कौनसा योग
पहला दिन : गुड़ीपड़वा तथा चेटीचंड के साथ अबूझ मुहूर्त। कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की होगी पूजा।
दूसरा : सर्वार्थसिद्धि योग, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष फल।
तीसरा : सर्वार्थसिद्धि और राजयोग के साथ ही गणगौर पर्व। मां चंद्रघंटा की होगी पूजा।
चौथा : रवियोग में मां कुष्मांडा की पूजा
पांचवां दिन : रवियोग के बीच मां स्कंधमाता की पूजा
छठवां दिन : सर्वार्थ और कुमार योग के बीच मां कात्यायनी की पूजा
सातवां दिन : द्धिपुष्कर और राजयोग, मां कालरात्रि की उपासना।
आठवां दिन : दुर्गाष्टमी और महाष्टमी पर मां महागौरी की पूजा
नौवां दिन (दो अप्रैल) : रामनवमी के साथ सर्वार्थसिद्धि, रवि और गुरु पुष्य योग। मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाएगी।