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जयपुर

अग्निकांड से घबराए…महेश जोशी का CM Gehlot को खत

दिल्ली अग्निकांड ने राजस्थान के नेताओं को झकझोरातंग गलियों में चल रहे बड़े बाजारों पर जताई चिंताअग्निशमन संसाधन बिना संचालित बाजारों पर एक्शन की सिफारिशयूडीएच मंत्री शांति धारीवाल तक पहुंचा मामला

जयपुरDec 12, 2019 / 01:42 pm

Bhavnesh Gupta

अग्निकांड से घबराए...महेश जोशी का CM Gehlot को खत

अग्निकांड से घबराए…महेश जोशी का CM Gehlot को खत

भवनेश गुप्ता / जयपुर। दिल्ली में आबादी के बीच चल रही फैक्ट्री में लगी भीषण आग और उसमें हुई 43 लोगों की मौत ने राजस्थान के राजनेताओं को भी झकझोर दिया है। नेताओं को अपने शहरवासियों की चिंता सताने लगी है। इसमें विधायक और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने तो सीधे मुख्यमंत्री को चिंता जता दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। इसमें जयपुर शहर की सघन आबादी क्षेत्र में अग्निशमन संसाधनों के बिना चल रहे व्यवसायिक गतिविधियों पर गहरी चिंता जताते हुए इस पर ध्यान देने के लिए कहा है। खासकर, चारदीवारी में के सघन आबादी वाले बाजारों में अग्निशमन संसाधन की पुख्ता व्यवस्था करने की जरूरत जताई है। उन्होंने पत्र में साफ अंकित किया है कि ऐसा नहीं होने की स्थिति में कभी भी बड़ा हो सकता है। आपको बता दें कि महेश जोशी हवामहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और परकोटा का कुछ हिस्सा उनके विधानसभा क्षेत्र में भी आता है। इस मामले में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धाीवाल से भी मिले हैं।
छोटे भूखंडों पर कई मंजिलें
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने चारदीवारी के छोटे-छोटे बाजारों पर ज्यादा फोकस किया है। ऐसे बाजार तंग गलियों में चल रहे हैं। उनका कहना है कि छोटे-छोटे बाजारों में सैकड़ों दुकानें बनी हुई है। कई इलाकों में तो छोटे-छोटे भूखंडों पर कई मंजिलें चढ़ा दी गई और वहीं सैकड़ों दुकानें बना ली गई हैं। पुरोहितजी का कटला और कई हवेलियों को तोड़कर बनाए गए कॉम्पलेक्स का उदाहरण देकर सिस्टम को आइना दिखाने से भी नहीं चूके। उन्होंने चिंता जाहिर की है कि इन बाजारों में अग्निशमन वाहन का जाना तो दूर आमजन तक आसानी से नहीं चल सकता है। ऐसे कई कहीं अग्निकांड हो जाए तो भयावह हालात को सामना करना पड़ेगा।
नियम है पर पालना नहीं
-15 मीटर से उंचे भवनों में फायर एनओसी लेना है अनिवार्य
-जहां 50 से ज्यादा लोगों की आवाजाही एक समय रहती है वहां भी एनओसी जरूरी
-300 वर्गमीटर से बड़े कंस्ट्रशन एरिया भवन में फायर फाइटिंग सिस्टम हो
-घनी आबादी इलाके में ईंधन संचालित व्यवसाय नहीं होना चाहिए
-अग्निशमन संसाधन के बिना संचालित प्रतिष्ठानों को सील करने का है प्रावधान
सराकर फायर एक्ट का प्रस्ताव दबाकर बैठी
राजधानी में लगातार आगजनी की घटनाओं के बावजूद सरकार फायर एक्ट प्रस्ताव को दबाकर बैठी है। नगर निगम भी आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए फायर एक्ट की आवश्यकता जता चुका है। इसके लिए सरकार को दिल्ली फायर सर्विस एक्ट, 2007 और द पंजाब फायर प्रीवेंशन एण्ड सेफ्टी एक्ट, 2004 का हवाला दिया गया है। दोनों जगह के फायर एक्ट का पूरा अध्ययन किया गया। इसके कई प्रावधान को जोड़ने की अनुशंसा की गई है।
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